देवभूमि के जंगल कई दिनों से धधक रहे हैं। वन जीव आग से बचने के लिए शहरों का रुख कर रहे हैं। शुष्क मौसम के चलते आग और भयावह हो रही है। 24 घंटे के भीतर प्रदेश में आग की 64 नई घटनाएं हुईं, जिनमें कुल 75 हेक्टेयर वन क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है। फायर सीजन में अब तक कुल 868 घटनाओं में 1086 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। आग की घटनाओं में अब तक तीन व्यक्तियों की मौत हो गई है।
अब तक जंगल में आग लगाने पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 350 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 290 मुकदमे अज्ञात, 60 मुकदमे ज्ञात के खिलाफ दर्ज किए गए हैं और कुल 58 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।वन विभाग की ओर से कंट्रोल रूम बनाया गया है। जंगल में लगी आग की सूचना देने के लिए 18001804141, 01352744558 पर कॉल कर सकते हैं। व्हाट्सएप के माध्यम से 9389337488 व 7668304788 पर भी मैसेज भेज सकते हैं। राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी सूचना दी जा सकती है।
रानीखेत/द्वाराहाट : दूनागिरि पर्वत श्रृंखला एक बार फिर धधक उठी। वनाग्नि से जैव विविधता वाले वन क्षेत्र में बांज, बुरांश, काफल, देवदार समेत अन्य बहुमूल्य पेड़ पौधे जलकर खाक हो चुके हैं। आग के इस तांडव में पक्षियों के जलने की संभावना जताई जा रही है। वहीं जंगली जानवर आबादी का रुख करने लगे हैं। उपमंडल के कई क्षेत्र में वनाग्नि ने जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है।
धुएं के उठते गुबार से पर्यावरण दूषित होने लगा है। लोगों को आंखों में जलन तथा खांसी की दिक्कतों से दो चार होना पड़ रहा है। रानीखेत के वलना क्षेत्र में आबादी की ओर बढ़ रही आग पर अग्निशमन दस्ते ने काबू पा लिया। उधर गुरुवार की रात्रि द्वाराहाट के खतड़ूआ धार, कुटाड़, भैसपातो, किमटुक, बगरखेत, गणेशधार आदि वन स्वाहा हो गए।
ग्रामीणों के साथ वन कर्मियों ने आग बुझाने के लिए कड़ी मेहनत की। मगर तेज लपटों के कारण जागलों को आग की चपेट में जाने से रोका नहीं जा सका। आग अब दुधोली, बजोली की ओर बढ़ चुकी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार दूनागिरि पर्वत श्रृंखला में यह आग नोवा रेंज से आई। इसपर नियंत्रण पाने के कई प्रयास पिछले 15 दिनों से किए जा रहे हैं। मगर तेज हवाओं के चलते आग तेजी से फैल रही है।
पर्वतीय क्षेत्रों में आग की घटनाएं रुकने के बजाए बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार की शाम धारी के पदमपुरी से लगे जंगल में आग लग गई। आग लगने से क्षेत्र की जंगल के पेड़-पौधे जलकर नष्ट हो गए। आग को बढ़ता देख ग्रामीण भी रातभर सहमे हुए रहे। क्षेत्र के गोविंद गुणवंत ने कहा कि आग लगने से जंगल के पेड़-पौधों और वन्य जीवों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि जंगल की आग को बढ़ता देख ग्रामीण रात भर परेशान रहे। चीड़ के पेड़ से पिरुल के गिरने से आग लगने की संभावना बढ़ रही है।
काशीपुर : गांव गुलजारपुर में गुरुवार देर रात एक मकान में आग लगने से लाखों का सामान जलकर नष्ट हो गया। इस हादसे में एक गाय की मौत हो गई, जबकि दूसरी गंभीर रूप से झुलस गई। सूचना पर पहुंचे लेखपाल ने मौका मुआयना कर अपनी रिपोर्ट तहसीलदार को सौंप दी है। गुरुवार की देर रात गुलजारपुर निवासी लता के घर में अचानक आग लग गई। आग लगने से बरामदे में खड़ी बाइक, गैस सिलेंडर, घर में रखी नकदी, बिस्तर और घरेलू सामान जल गया। आग में नष्ट हुए सामान की कीमत तीन लाख रुपये से अधिक बताई गई है।
इसके अलावा आग में जलकर एक दुधारु गाय की मौत हो गई, जबकि दूसरी गाय बुरी तरह झुलस गई। भाजपा नेता राजेश कुमार ने घटनास्थल पहुंचकर पीड़ित परिवार का ढांढस बंधाया और चुनाव के बाद शासन से मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया। सूचना पर पहुंचे लेखपाल ने आग से हुए नुकसान का आंकलन किया। पीड़ित परिवार को राशन और अहतुक सहायता दे दी गई है। यहां ग्राम प्रधान रिंकू सिंह, सोमवती सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे।
गरमपानी : जंगलों में धधक रही आग से उठ रहे धुएं से कोसी घाटी में दिन भर धुंध छाई रही। बेतालघाट ब्लाक के बुधलाकोट गांव के बतखीला तोक व रामगढ़ ब्लाक के ढोकाने क्षेत्र में धधकी आग ने वन संपदा को जलाकर राख कर डाला। वन विभाग व ग्रामीणों ने बामुश्किल आग पर काबू पाया। बतखीला तोक में आवासीय मकान के नजदीक तक पहुंची आग को भी समय रहते बुझा दिया गया।
शुक्रवार को कोसी घाटी के लोग सुबह जब घरों से बाहर निकले तो पूरे क्षेत्र में धुंध छाए रहने से सकते में आ गए। पूरे दिन कोसी घाटी में धुंध छाई रही। इधर बुधलाकोट गांव के बतखीला तोक में आग ने खूब तांडव मचाया। देर रात से धधकी आग दिन चढ़ने के साथ ही विकराल होती चली गई। स्थानीय लीलाधर बुधलाकोटी के आवासीय मकान तक आग पहुंचने से अफरा तफरी मच गई। मामले की सूचना स्थानीय चंद्रशेखर बुधलाकोटी ने वन विभाग व गांव के लोगों को दी।
मौके पर पहुंचे ग्रामीणों व वन विभाग के कर्मचारियों ने बामुश्किल आग को काबू कर आवासीय भवन को बचा लिया। जंगल में धधकी आग से कई चीड़ के पेड़ भी जलकर राख हो गए जबकि बेशकिमती वन संपदा को भी भारी नुकसान पहुंचा है। रामगढ़ ब्लाक के ढोकाने क्षेत्र में भी जंगल से उठी आग की लपटों पर वन विभाग की टीम ने बामुश्किल काबू पाया।