‘200-200 के हिसाब से भेजे जाएंगे लोग’, उत्तरकाशी के बटर फेस्टिवल के लिए High Court का फैसला

हाई कोर्ट ने उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में 15-16 अगस्त को होने वाले बटर फेस्टिवल में डेढ़ हजार लोगों के जाने की अनुमति दी है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार एक साथ डेढ़ हजार लोगों को भेजने के बजाय दो-दो सौ के हिसाब से भेजे और उनके आने-जाने का समय भी निर्धारित करे। व्यवस्था बनाए रखने को वन विभाग व पुलिस के कर्मचारी तैनात किए जाएं। साथ ही फेस्टिवल समाप्त होने के बाद सफाई करके उसकी फोटो कोर्ट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

बटर फेस्टिवल की आयोजक संस्था के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में कोर्ट के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मखमली घास के मैदानों (बुग्याल) को मानवीय गतिविधियों से बचाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर पारित आदेश के बाद दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल की आयोजक संस्था दयारा बुग्याल पर्यटन विकास समिति रैथल के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई।मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने आयोजक संस्था से बुधवार तक बटर फेस्टिवल में जाने वाले लोगों की सूची पेश करने को कहा था।मामले में सरकार की ओर से कहा गया कि यदि आयोजक नियम व दिशानिर्देशों का पालन करते हैं तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। आयोजक संस्था की ओर से बताया गया कि उत्सव में करीब 2500 लोग प्रतिभाग करेंगे।

दो सौ से अधिक लोगों की आवाजाही पर है रोक

हाई कोर्ट ने 2018 में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बुग्यालों को संरक्षित करने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे। कोर्ट ने बुग्यालों में 200 से अधिक लोगों की आवाजाही, रात्रि में ठहरने, वहां पक्के निर्माण सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर भी रोक लगा दी थी।

बटर फेस्टिवल आयोजित करवाने वाली संस्था दयारा बुग्याल पर्यटन विकास समिति रैथल की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल कर बताया था कि भाद्रपद की प्रथम एकादशी को उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल होना है। इसलिए फेस्टिवल में दो दिन के लिए 200 से अधिक लोगों के जाने अनुमति दो दिन के लिए दी जाय।उत्तरकाशी जिले के 42 किलोमीटर क्षेत्र में फैले 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में मक्खन की होली को अढूंडी उत्सव भी कहा जाता है।

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