अल्मोड़ा- हल्द्वानी हाईवे पर अतिसंवेदनशील पहाड़ियों से मंडरा रहे खतरे को टालने के लिए एनएच प्रशासन तथा सड़क व भूतल मंत्रालय के अफसरों के बीच मंथन शुरू हो गया है। दिल्ली के परिवहन भवन में हुई बैठक में मंत्रालय के अधिकारियों ने एनएच के अधिकारियों से वर्तमान स्थिति पर फीडबैक लिया। भौगौलिक परिस्थितियों के अनुसार खतरा टालने को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
एनएच के अधिशासी अभियंता प्रवीन कुमार ने बताया कि हाईवे पर पाडली, दोपांखी, भोर्यो बैड तथा लोहाली क्षेत्र में कमजोर हो चुकी पहाडियां दरकने लगी है। सुरक्षित यातायात के लिए सड़क व भूतल मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी गंभीर हो गए हैं।
सुरक्षा संबंधी निर्णयों पर लिया गया मंथन
दिल्ली में हुई बैठक में दरक रही पहाड़ियों से खतरा टालने को टनल, राक फाल प्रोटक्शन बैरियर समेत अन्य सुरक्षा संबंधी निर्माण कार्यों पर मंथन किया गया। सड़क व भूतल मंत्रालय के उच्चाधिकारियों ने एनएच के अधिकारियों को तीन विकल्प उपलब्ध कराने को निर्देशित किया है। जिससे तीन में से एक प्रस्ताव को डीपीआर में शामिल किया जा सके। अब सभी बिंदुओं को ध्यान में रख अतिसंवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा कार्यों का ब्यौरा तैयार कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि बैठक में कैंची टनल निर्माण को लेकर भी चर्चा हुई। सड़क व भूतल मंत्रालय के अधिकारियों ने टनल निर्माण वाले स्थान पर मजबूत चट्टान की स्थिति, भूगर्भीय सर्वे, पहाड़ी की उंचाई, समेत कई बिंदुओं पर एनएच के अधिकारियों से चर्चा की। गंभीरता से सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा।