दून नगर निगम में स्वच्छता समिति वेतन घोटाले में नया अपडेट आया है. नगर कोतवाली पुलिस ने पूर्व पार्षदों को नोटिस जारी किया है. पुलिस ने पूर्व पार्षदों को अपना पक्ष रखने को कहा है. साथ ही जिन सफाई कर्मचारियों के खाते में उन्होंने वेतन दिया है, उनके बारे पूरी डिटेल मांगी गई है.
गौरतलब है कि देहरादून नगर निगम में स्वच्छता समिति में 99 फर्जी कर्मचारियों को दिखाकर करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया था. इसके बाद 06 जून 2025 को अपर नगर आयुक्त की शिकायत के आधार पर देहरादून नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था.
दरअसल 02 दिसंबर 2023 में देहरादून नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल पूरा हुआ था. चुनाव तक के लिए बोर्ड भंग हो गया था. नगर निगम की कमान तत्कालीन जिलाधिकारी सोनिका ने बतौर प्रशासक के रूप में संभाली. इसी दौरान नगर निगम की ओर से शहर की सफाई व्यवस्था में लगाए गए कर्मचारियों के वेतन के नाम पर फर्जीवाड़े का खेल उजागर हुआ.
तत्कालीन सीडीओ झरना कामठान को जांच मिलने के बाद इस पूरे मामले की जांच की गई तो पता चला कि अलग-अलग वार्डो में 99 अज्ञात कर्मचारियों के नाम पर वेतन जारी होने की पुष्टि हुई थी. स्वच्छता समितियों की ओर से उपलब्ध कराई गई सूची में शामिल कर्मचारी मौके पर नहीं पाए गए. जबकि उनके नाम पर पांच साल में करीब 09 करोड़ रुपए का भुगतान लिया गया था.
करीब डेढ़ साल तक मामला नगर निगम में दबा रहा. नगर निगम की स्वच्छता समितियों में 99 फर्जी कर्मचारियों के नाम पर सालों तक वेतन मिलने के मामले में जिलाधिकारी कार्यालय से नगर निगम, शहरी विकास निदेशालय और शासन तक जांच रिपोर्ट घूमती रही. नैनीताल हाईकोर्ट के सवाल पूछने के बाद नगर निगम इसी साल 06 जून को अपर नगर आयुक्त की तहरीर के आधार पर नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था. शहर कोतवाली की ओर से स्वच्छता समिति के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष की भूमिका की जांच की जा रही है.