उत्तराखंड की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर बड़े घोटाले का खुलासा किया है। रावत ने आरोप लगाया कि गरीब और बेघर लोगों के लिए बनाई जा रही यह योजना अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है।
हरक सिंह रावत ने बताया कि जब वह श्रम मंत्री थे, तब ‘उत्तरा आवास योजना’ के मालिक उनके पास पहुंचे और लेबर सेस की राशि एकमुश्त देने के बजाय किस्तों में जमा करने का अनुरोध किया। इस पर उन्होंने कंपनी को दस किस्तों में पैसा जमा करने का आदेश दिया। लेकिन हाल ही में जब वे देहरादून के चालांग गांव पहुंचे तो उन्होंने देखा कि योजना के तहत गरीबों के लिए बनने वाले 2 हजार फ्लैट्स गायब हैं और उनकी जगह पर आलीशान कोठियां खड़ी हो गई हैं।
रावत ने आरोप लगाया कि यह न सिर्फ बेघर मजदूरों और नदी-नालों के किनारे रहने वाले मजबूर लोगों के साथ धोखा है, बल्कि पीएम मोदी के 2023 तक हर गरीब को घर देने के वादे की भी पोल खोलता है। उन्होंने एमडीडीए और राज्य सरकार पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए इस घोटाले की रकम करीब 400 करोड़ रुपये बताई है। फिलहाल, इस नये खुलासे ने उत्तराखंड सरकार को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है और विपक्ष को सरकार को घेरने का बड़ा मुद्दा मिल गया है।