देहरादून में फिर LUCC जैसा बड़ा फाइनेंशियल फ्रॉड, निवेश के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी, जानिये पूरा मामला

नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में स्थित दून समृद्धि निधि लिमिटेड नाम की एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने आम जनता को अधिक ब्याज पर रुपए देने का लालच देकर करीब 47 करोड़ की धोखाधड़ी की है. फाइनेंस कंपनी के 100 से अधिक एजेंट एसएसपी कार्यालय पहुंचे. सभी ने अपने पैसे वापसी को लेकर एसएसपी से गुहार लगाई. इस मामले में थाना नेहरू कॉलोनी में 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

दून समृद्धि निधि लिमिटेड कंपनी की ओर से दैनिक जमा योजना,फिक्स डिपोजिट ओर रिकरिंग डिपोजिट के खाते खोले जाते थे. इनमें पैसे जमा करवाकर इसके बदले सरकारी बैंकों से अधिक ब्याज का झांसा दिया जाता था. इस मामले में चौकी प्रभारी बाईपास प्रवीण पुंडीर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

चौकी प्रभारी ने तहरीर देकर बताया है कि साल 2022 में नीलम चौहान और जगमोहन चौहान ने दून समृद्धि निधि लिमिटेड शुरू की. ये दोनों पति पत्नी हैं. इनका ऑफिस दून विश्वविद्यालय रोड स्थित संस्कार एंक्लेव में है. कंपनी में अलग-अलग पदों पर कई लोगों को शामिल किया. देहरादून से अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में करीब 150 से अधिक एजेंट भी तैनात किये. कंपनी में 1000 से भी अधिक ग्राहकों को जोड़ा गया. इसमें करोड़ों रूपये की धनराशि जमा कराई गई. उसके बाद लोगों के पैसे लेकर कंपनी की निदेशक नीलम चौहान ओर संस्थापक जगमोहन चौहान फरार हो गये.

दून समृद्धि निधि लिमिटेड कंपनी से जुड़े करीब 150 एजेंट एसएसपी कार्यालय पहुंचे. पैसों की वापसी को लेकर एसएसपी से गुहार लगाई है. एजेंट्स का कहना है कि यह लोग साल 2022 में इस कंपनी से जड़े थे. शुरुआत में सभी को रिफंड दिया गया. अब ग्राहकों का रिफंड देना बंद कर दिया गया है. कंपनी में एजेंट अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े हैं. डोईवाला से आई एजेंट का कहना है कि उसने मेंबर को जोड़कर करीब 8 करोड़ रूपए जमा करवाए हैं. विकासनगर आई महिला एजेंट का कहना है कि उसने अपने क्षेत्र से एक करोड़ अधिक ग्राहकों को कंपनी से जोड़ा है.

मामले में एसएसपी अजय सिंह ने कहा चौकी प्रभारी बाईपास प्रवीण पुंडीर की तहरीर के आधार पर कंपनी निदेशक नीलम चौहान,संस्थापक जगमोहन चौहान,कमलेश बिल्जवान,कुसुम शर्मा,अनिल रावत और दीपिका सहित अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. कंपनी द्वारा नियम विरुद्ध ब्याज दिया जा रहा था. करीब 8 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक ब्याज दे रही थी. इस कंपनी ने कुछ लोगों को दो साल तक मुनाफे के साथ पैसा भी दिया गया. पिछले चार महीने से निदेशक ने पैसा देना बंद कर दिया है. कंपनी के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. जिसमें पुलिस को आठ खाते मिले हैं. पुलिस ने सभी खातों को फ्रीज कर दिया है. फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है.

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