सेना का हिस्सा बने 219 अग्निवीर, जनवरी माह से चल रहा था प्रशिक्षण बीईजी यूनिट में किया गया तैनात

बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप एंड सेंटर (बीईजी एंड सी) में शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड में 219 अग्निवीर, सेना का हिस्सा बन गए। इन सभी जवानों को बीईजी की विभिन्न यूनिट में तैनात कर दिया गया है। इस दौरान कई कैडेट्स को बेस्ट पुरस्कार भी दिया गया।

रुड़की बीईजी में 225 अग्निवीरों का एक जनवरी से प्रशिक्षण शुरू हो गया था। इंजीनियरिंग से लेकर विभिन्न तरह के प्रशिक्षण देते हुए इन जवानों ने चार अगस्त को प्रशिक्षण को पूरा किया। शनिवार को पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया।

एक प्राचीन सैन्य संस्थान है बीईजी

बीईजी के कमांडेट ब्रिगेडियर राजेश सिंह ने सबसे पहले तो परेड का निरीक्षण किया। इसके उपरांत उन्होंने अपने संबोधन में बीईजी के गौरवमयी इतिहास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीईजी एक प्राचीन सैन्य संस्थान है। विभिन्न युद्ध के दौरान बीईजी के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया। इसके अलावा देश में विभिन्न प्राकृतिक आपदा के दौरान भी बीईजी ने फौरी तौर पर काम करते हुए लोगों तक मदद पहुंचाने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि 219 जवान अब भारतीय सेना का अंग बन गए हैं। सभी को अनुशासित रहना हैं और देश की सेवा करना है। इस मौके पर राहुल, नितिन सिंह रावत, रोहित बिष्ट, सागर सिंह बिष्ट को बेस्ट कैडेट्स के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर कार्यवाहक कमान अधिकारी ले. कर्नल स्वप्नल जोशी आदि मौजूद रहे।

सेना में रहकर सीख जाएगा अनुशासन, मौका मिला तो करेगा देश की सेवा

बीईजी एंड सेंटर में आयोजित पासिंग आउट परेड के दौरान अग्निवीरों के माता-पिता व अन्य रिश्तेदार भी पहुंचे थे। इस दौरान सभी परेड में अपने बच्चों को तलाश कर रहे थे। देहरादून के मियांवाला मोहल्ला निवासी सुजान सिंह ने बताया उनका भतीजा अग्निवीर बना है।

साल 2019 से सेना की भर्ती नहीं हुई है। भतीजा इंतजार कर रहा था, अग्निवीर में उसका चयन हो गया। उसको वर्दी में देखकर बेहद आनंद हो रहा है। कम से कम सेना में रहकर अनुशासन सीखेगा और आगे बढ़ेगा। आगे सेना में नियमित होने का मौका भी उसके पास है।

श्यामपुर खदरी गांव के नाहर सिंह नेगी ने बताया कि बेटे अग्निवीर बनकर बेटा अपने पैरों पर खड़ा हो गया है। अब उसके पास कई तरह के अवसर रहेंगे। साथ ही यह समय की जरूरत भी है। काबिल होगा तो और भी अवसर मिलेंगे। उनकी इच्छा बेटे को सेना की वर्दी में देखने की थी वह अब पूरी हो गई है।

लंबे समय के बाद बीईजी में आए रंगरूट

बीईजी में 2019 के बाद से कोई रंगरूट नहीं थे, जिसकी वजह से यहां पर सैनिकों की संख्या भी कम हो गई थी। कई बैरक भी खाली पड़ी हुई थी। अब 219 अग्निवीर के आ जाने से यहां पर रौनक बढ़ना शुरू हो गई है। जल्द ही अग्निवीरों का एक ओर बैच भी आने वाला है।

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