अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा का दिन निर्धारित किया गया है। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े सभी अनुष्ठान 16 जनवरी से आरंभ हो चुका है। शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में किया जाएगा। अभिजीत मुहूर्त 22 जनवरी को दोपहर12 बजकर बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा। आइए जानते हैं रामलला की मूर्ति प्रतिष्ठा किस शुभकाल में होगी।
प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पौष माह के द्वादशी तिथि (22 जनवरी 2024) को अभिजीत मुहूर्त, इंद्र योग, मृगशिरा नक्षत्र, मेष लग्न एवं वृश्चिक नवांश को होगा। यह शुभ मुहूर्त दिन के 12 बजकर 29 मिनट और 08 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट और 32 सेकंड तक का रहेगा। यानि प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त 84 सेकंड का होगा।
अयोध्या में 22 जनवरी तक के अनुष्ठान
20 जनवरी, प्रातः -शर्कराधिवास, फलाधिवास
20 जनवरी, सायं- पुष्पाधिवास
21 जनवरी, प्रातः – मध्याधिवास
21 जनवरी, सायं- शय्याधिवास
क्या होता है यम नियम अनुष्ठान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिनों तक यम नियम के पालन करने का संकल्प लिया है और वे 12 जनवरी से इस नियम का पालन कर रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार मूर्ति स्थापना या मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को पवित्र प्रक्रिया माना जाता है। इन नियमों का संबंध शास्त्रों से होता है। अष्टांग योग के आठ भाग (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, भजन और समाधि) में यम नियम सबसे पहला नियम है।
कुछ लोग यम नियम को बोद्ध धर्म के पांच सिद्धांत (अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह) भी मानते हैं. यम नियम में प्रतिदिन स्नान, अन्न त्याग, बिस्तर पर सोने का त्याग आदि जैसे कठोर नियम होते हैं।