प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए गए नकलरोधी कानून को अब केंद्र सरकार ने भी माडल के रूप में लिया है। लोकसभा में केंद्र सरकार ने इसी तर्ज पर लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक पेश किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र के इस निर्णय पर आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह कानून नकल माफिया पर करारी चोट करेगा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए सुरक्षा कवच बनेगा।
केंद्र सरकार ने इस कानून को माडल के रूप में लेते हुए देश भर में लागू करने का निर्णय लिया। प्रदेश में नकलरोधी कानून लागू होने के बाद इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। पूर्ववर्ती सरकारों में नकल माफिया के पूरे तंत्र को ध्वस्त कर धामी सरकार ने एक बड़ा संदेश दिया। इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद अब राज्य में परीक्षाएं न केवल समय पर हो रही हैं, बल्कि परिणाम भी जल्द जारी हो रहे हैं।
इस कानून में संगठित होकर नकल कराने और अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाने वाले मामलों में आजीवन कारावास की सजा तथा 10 करोड़ रुपये जुर्माने का प्रविधान है। साथ ही आरोपितों की संपत्ति को जब्त करने की व्यवस्था भी कानून में की गई है।
नकल करते पकड़े जाने पर आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष तक परीक्षाओं से निलंबित किया जाएगा। दोष साबित होने पर 10 वर्ष के लिए सभी परीक्षाओं से निलंबित किया जाएगा। दोबारा नकल करते पाए जाने पर पांच से 10 वर्ष तक के लिए सभी परीक्षाओं से निलंबित किया जाएगा। दोष साबित होने पर आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने लोकसभा में सख्त नकलरोधी कानून का बिल पेश करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में लागू कठोर कानून जैसा विधेयक पेश कर प्रदेश सरकार का मनोबल बढ़ाया है।