हर चुनाव में दिखता रहा देवभूमि में नमो मैजिक, 2014 से अजेय बनी हुई है भाजपा; 2024 पर टिकी नजर

उत्तराखंड में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से भाजपा यदि अजेय बनी हुई है तो इसमें नमो फैक्टर की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि से विशेष लगाव है और वह इसे समय-समय पर प्रदर्शित भी करते आए हैं।

बात यहीं तक सीमित नहीं है, उनके पिछले 10 वर्ष के कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार से राज्य को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की तमाम महत्वपूर्ण योजनाएं भी मिली हैं। केदारनाथ समेत अन्य धार्मिक स्थलों और वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग करने में भी वह पीछे नहीं रहे हैं।

लोगों को है नमो पर भरोसा

धर्म में आस्था और विकास में विश्वास को देखते हुए लोग नमो पर भरोसा करते हैं। यही कारण है कि चुनाव लोकसभा का हो या फिर विधानसभा का, इनमें भाजपा नमो की इस लोकप्रियता को भुनाने में पीछे नहीं रही और इसका उसे फायदा भी मिलता आया है।

केदारनाथ के पास नमो ने की थी साधना

प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से लगाव यूं ही नहीं है, उन्होंने काफी समय यहां की कंदराओं में बिताया है। वर्ष 1985-86 में उन्होंने एक सामान्य साधक के रूप में श्री केदारनाथ धाम से लगभग साढ़े तीन किमी दूर गरुड़चट्टी में तप साधना की थी। तब वह नियमित रूप से अपने आराध्य बाबा केदारनाथ के जलाभिषेक को आते थे। परिणामस्वरूप आस्था के साथ ही उनका इस मध्य हिमालयी राज्य से लगाव और अधिक गहरा होता चला गया। इसके बाद उन्होंने यहां पार्टी के संगठक के रूप में भी कार्य किया।

10 वर्ष में 17 बार आ चुके हैं पीएम मोदी

उत्तराखंड देवभूमि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्सर यहां खींच लाती है। जून 2013 में जब केदारनाथ में जल प्रलय आई तो मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे और वह यहां आए। यह बात अलग है कि उस समय वह केदारनाथ नहीं जा पाए थे, लेकिन तभी केदारनाथ धाम को संवारने का संकल्प ले लिया था। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह लगातार उत्तराखंड आ रहे हैं। प्रधानमंत्री 10 वर्ष में 17 बार उत्तराखंड आ चुके हैं, जो उनके लगाव को प्रदर्शित करता है।

धर्म में आस्था और विकास में विश्वास

प्रधानमंत्री मोदी के धर्म में आस्था और विकास में विश्वास के मूलमंत्र ने जनता का भरोसा जीतने में सफलता पाई है। इसलिए भाजपा की चुनावी सफलता में उनका जादू सबसे महत्वपूर्ण रहा है। अब जबकि लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा मैदान में उतर चुकी है तो स्वाभाविक तौर वह प्रधानमंत्री मोदी की राज्य में लोकप्रियता को भुनाने में पीछे नहीं है। इसी कड़ी में पार्टी ने राज्य में प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी सभाएं भी मांगी हैं।

यह दशक उत्तराखंड का दशक

प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ की धरती से कहा था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के दृष्टिगत वह केंद्र सरकार के माध्यम से लगातार सहयोग भी दे रहे हैं। पिछले 10 वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की केंद्र पोषित योजनाएं उत्तराखंड को मिलना इसका उदाहरण है।

उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में बढ़ रहे आगे

इन योजनाओं में धार्मिक व सामरिक महत्व की चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना, पहाड़ों में रेल नेटवर्क के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भारतमाला में सड़कों का विकास, पर्वतमाला में रोपवे कनेक्टिविटी, जलविद्युत परियोजनाएं, दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा, वाइब्रेंट विलेज, आधारभूत सुविधाओं का विकास समेत विभिन्न योजनाएं शामिल हैं। राज्य सरकार भी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

प्रथम गांव माणा भी जा चुके है पीएम मोदी

वर्ष 2022 में उत्तराखंड प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चमोली जिले में चीन सीमा के नजदीक स्थित देश के प्रथम गांव माणा भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के स्टाल पर जाकर उनका हौसला बढ़ाया।

धार्मिक पुनर्जागरण की पहल में उत्तराखंड भी शामिल

धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान के स्थलों के पुनर्निर्माण और आधुनिकता का समावेश कर इनके प्राचीन वैभव की पुनर्स्थापना की प्रधानमंत्री की पहल में उत्तराखंड भी शामिल है। आध्यात्मिक चेतना की इस भूमि में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम आज नए कलेवर में निखर चुका है। यही नहीं, बदरीनाथ धाम को भी उनकी पहल पर स्प्रिच्युअल हिल टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है तो गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में भी अवस्थापना सुविधाओं के विकास को केंद्र ने धन आवंटित किया है।

वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभरे उत्तराखंड

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष के आखिर में देहरादून में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में वेड इन उत्तराखंड का मंत्र भी दिया। तब उन्होंने धनाढ्य वर्ग से आग्रह किया था कि वे प्रतिवर्ष अपने परिवार का कम से कम एक विवाह देवभूमि उत्तराखंड में करें। इससे उत्तराखंड वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगा। इससे पहले उन्होंने उत्तराखंड में तीर्थाटन व पर्यटन के लिए आने वालों से यात्रा का पांच प्रतिशत व्यय स्थानीय उत्पादों की खरीद में करने की अपील भी की थी।

राज्य की ब्रांडिंग भी करते आए हैं

मोदी प्रधानमंत्री न केवल उत्तराखंड के विकास की चिंता कर रहे, बल्कि यहां की ब्रांडिंग करने में भी पीछे नहीं है। जरा याद कीजिए, वर्ष 2019 में चुनावी आपाधापी से निपटने के बाद वह केदारनाथ आए और कुछ ही फासले पर स्थित गुफा में ध्यान लगाया। इससे केदारनाथ के साथ ही साधना गुफा पूरे विश्व में चर्चा के केंद्र में आई। पिछले वर्ष ही उन्होंने आदि कैलाश की यात्रा कर वहां तीर्थाटन की संभावनाओं को रेखांकित किया। यही नहीं, राज्य के स्थानीय उत्पादों के अंब्रेला ब्रांड हाउस ऑफ हिमालयाज की लांचिंग भी उन्होंने ही गत वर्ष दिसंबर में की।

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