लोकसभा चुनाव से पहले OPS की मांग कर रहे कर्मचारियों के बदले सुर, चुनावी तैयारियों पर फेर सकते हैं पानी

इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में पुरानी पेंशन की मांग कर रहे कर्मचारियों के सुर बदले हुए हैं। वह किसी भी दल के झांसे में आने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। प्रदेश में करीब 92 हजार कर्मचारी है जो पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। यह कर्मचारी बीते कई वर्षों से आंदोलनरत है।

चुनाव को लेकर अब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर बोलने लगे हैं। उनका साफ कहना है कि चुनाव में खड़े जो दल पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा को अपने पत्र में शामिल नहीं करते तो प्रदेश के कर्मचारी उनको वोट नहीं करेंगे। उनके परिवारजन भी उसी पार्टी को वोट करेंगे जो उनकी बातें सुनेगा। इसके लिए बकायदा उन्होंने पोस्टर भी जारी किया है। पोस्टर के जरिए वह अपने कर्मचारियों एकजुट करने की अपील कर रहे

सबसे पहले इसकी शुरुआत कर्मचारी अपने घर से कर रहे है। कर्मचारियों की अंदरखाने की तैयारी व खामोशी किसी भी दल के सियासी समीकरण को बिगाड़ सकती है। अब राष्ट्रीय दलों के घोषणा पत्र का इंतजार है।

कर्मचारियों ने लगाया स्टेटस

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारी एकजुट है। उन्होंने अपने मोबाइल के स्टेटस में वोट फार ओपीएस का लोगो लगाया हुआ था। चुनाव के दौरान कर्मचारी आंदोलन तो नहीं कर सकते है। लेकिन उन्होंने अपनी मंशा जाहिर कर दी है। ओपीएस से जुड़े हजारों कर्मचारी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से मांगों को रख रहे हैं।

ओपीएस बनी एनपीएस

पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस में सरकार वर्ष 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी।

इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके स्वजनों को भी पेंशन दी जाती थी। यह बंद कर राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू कर दी है। जिसके बाद यह सुविधा बंद हो गयी। नई योजना पेंशन-कम-इंवेस्टमेंट योजना है। जिसके जरिए आपको रिटारमेंट के लिए बचत करनी होगी।

ओपीएस की मांग करने वाले कर्मचारी

जिला संख्या
अल्मोड़ा 7770
बागेश्वर 3144
पिथौरागढ़ 5512
चम्पावत 3115
नैनीताल 8969
उधमसिंह नगर 7825
देहरादून 12123
हरिद्वार 9288
पौड़ी 8223
चमोली 5255
रुद्रप्रयाग 2728
उत्तरकाशी 5026
टिहरी 7058
दिल्ली 15

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