लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं की ज्यादा से ज्यादा से भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए स्वीप से जुड़ी अलग-अलग टीमों ने हरसंभव प्रयास किया। पिछले पांच माह में व्हाट्सएप ग्रुप से लोगों को जोड़ा गया।
मैन्युल और रिकार्डिंग फोन किए गए। सामूहिक कार्यक्रम संग घर-घर जाकर शपथ दिलाई गई। इन तमाम प्रयासों के जरिये 13.39 लाख लोगों तक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर पहुंचने की बात कही गई। वो बात अलग है कि जिले में कुल मतदाता आठ लाख ही थे।
1010 बीएलओ ग्रुप बनाकर 4.17 लाख वोटरों को जोड़ा
लोकसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने नैनीताल जिले को 75.61 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य दिया था। इस हिसाब से हर विधानसभा का अलग-अलग लक्ष्य तय किया गया था। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्वीप ने पहाड़ से मैदान तक अभियान चलाए। हरसंभव कोशिश की। 1010 बीएलओ ग्रुप बनाकर उसमें 4.17 लाख वोटरों को जोड़ा गया।
2.51 लाख से फोन के माध्यम से संपर्क साधा। इसके अलावा 6.71 लाख मतदाताओं से व्यक्तिगत संपर्क कर मतदान की अपील करने के साथ शपथ भी दिलाई गई। यानी 13.30 लाख तक जागरूकता की बात पहुंचाई गई लेकिन 19 अप्रैल को 473200 लोग ही इस जिले में बूथ तक पहुंच सके।
वहीं, कम मतदान की एक वजह यह भी थी कि चुनावी रण में उतरे चेहरे भी आम जनता को खासा प्रभावित नहीं कर सके। इसलिए दोपहर बाद अधिकांश बूथों के बाहर सियासी दलों के बस्ते तक गायब नजर आ रहे थे।
निकाय और पंचायत में भी ऐसा तो नहीं होगा?
उत्तराखंड में इसी साल दो और चुनाव होंगे। पहले निकाय और उसके बाद पंचायतों के चुनाव। जिस तरह लोकसभा चुनाव को लेकर लोगों में खास उत्साह देखने को नहीं मिला, कहीं इन चुनावों में भी ऐसी स्थिति न बन जाए। इसके लिए सरकार से लेकर राजनैतिक दलों तक को प्रयास करना होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भेजा बधाई संदेश
नैनीताल जिले में स्वीप टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड डा. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सीडीओ अशोक कुमार पांडे (नोडल स्वीप) और जिला समन्वयक सुरेश अधिकारी को बधाई पत्र भेजा है। कहा कि अलग-अलग माध्यमों से स्वीप टीम ने मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की।