परिजनों ने डांटा तो स्कूल से गायब हुईं दो बच्चियां, गार्ड को दिया चकमा, फिर इस हाल में मिलीं

राजपुर रोड स्थित एक स्कूल से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वालीं दो छात्राएं गार्ड को चकमा देकर निकल गईं। स्कूल पहुंचे परिजनों ने उनकी तलाश की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। एक साथ दो बच्चियों के गायब होने की सूचना पर पुलिस के भी हाथ-पैर फूल गए।आनन-फानन में डालनवाला थाना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और हुलिए के आधार पर तलाश की तो दोनों तीन घंटे बाद धर्मपुर से मिल गईं। पता चला कि दोनों परिजनों की डांट से परेशान होकर हरिद्वार जाने के लिए निकली थीं।

एसएचओ डालनवाला राजेश साह ने बताया कि घटना राजपुर रोड स्थित एक स्कूल की है। दोपहर करीब दो बजे छुट्टी हो गई थी। यहां पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक 10 साल और एक 12 साल की बच्ची घर नहीं पहुंचीं। दोनों के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन से बात की। गार्ड से पूछताछ की गई तो कोई जवाब नहीं मिला। काफी तलाश के बाद भी बच्चियों का कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो बच्चियां स्कूल से तेजी से निकलकर घंटाघर की ओर जाती दिखीं।

रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों से बच्चियों तक पहुंची पुलिस

रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच करते हुए पुलिस आगे बढ़ी। करीब तीन घंटे बाद धर्मपुर से दोनों बच्चियां मिल गईं। पुलिस उन्हें बाल मित्र थाना लेकर आई और उनसे जानकारी की। बच्चियों ने बताया कि परिजन उन्हें डांटते हैं। बात-बात पर पिटाई भी कर देते हैं। इसलिए उन्होंने एक दिन पहले ही स्कूल से जाने के लिए प्लान बनाया था। वे दोनों देहरादून से हरिद्वार जाने के लिए निकलीं थीं। एसएचओ ने बताया कि इस मामले में स्कूल प्रबंधन से भी स्पष्टीकरण लिया गया है। दोनों बच्चियों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।

घर से लेकर आईं थी कपड़े और सैंडल

बच्चियां अपने घर से स्कूल बैग में कपड़े और सैंडल लेकर निकली थीं। इसके लिए पहले वे गांधी पार्क के पास सुलभ शौचालय गईं और वहां पर स्कूल यूनिफाॅर्म निकालकर दूसरे कपड़े पहने। इसके बाद वे घंटाघर होते हुए धर्मपुर नेहरू कॉलोनी तक पहुंच गईं। यहां से उनका प्लान बस के माध्यम से हरिद्वार जाने का था। दोनों बच्चियों की बाल मित्र थाने में काउंसिलिंग भी कराई गई है।

स्कूल प्रबंधन को जारी किया पुलिस ने नोटिस

एसएचओ ने बताया कि इस मामले में स्कूल प्रबंधन को भी नोटिस जारी किया गया है। उनसे पूछा गया है कि कैसे उन्होंने छोटी बच्चियों को परिजनों के सुपुर्द किए बगैर जाने दिया। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बच्चियां गार्ड को चकमा देकर निकली थीं। एसएचओ ने बताया कि इस जवाब से उनकी जिम्मेदरी खत्म नहीं हो जाती है। उन्हें भविष्य के लिए चेतावनी और अभिभावकों के साथ मीटिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।

परिजन भी दें बच्चों पर ध्यान

– परिजनों चाहिए कि वह बच्चों के स्कूल बैग नियमित रूप से चेक करें।
-बच्चों की हरकतों पर लगातार उनके शिक्षकों से भी बात करें।
– बच्चे जब घर पर आते हैं तो उनके बैग उस वक्त भी चेक किए जाएं।
– बच्चों के पास गैर जरूरी चीजें कहां से आती हैं इस बात को भी पूछा जाए।
– माता पिता को लगातार बच्चों से संवाद करते रहना चाहिए। ताकि, उन पर माहौल का प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

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