रानीखेत के नाम पर रखी बीमारी का नाम बदलने के आदेश

हाई कोर्ट ने उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल रानीखेत के नाम पर रखी बीमारी का नाम बदलने के आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 27 जून तक ‘रानीखेत रोग’ का वैकल्पिक नाम सुझाते हुए शपथपत्र प्रस्तुत करने को कहा है।रानीखेत निवासी सतीश जोशी ने जनहित याचिका में बताया है कि सुरम्य हिल स्टेशन की प्रतिष्ठा ‘रानीखेत रोग’ नामक एक वायरल बीमारी से जुड़ी है। यह बीमारी पक्षियों और मुर्गियों को प्रभावित करती है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने अपने प्राकृतिक वैभव और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध रानीखेत के पर्यटन पर बीमारी के नाम के प्रभाव पर विचार-विमर्श किया।

अल्मोड़ा से लगभग 50 किमी दूर रानीखेत में स्थित छावनी, स्वास्थ्यप्रद जलवायु, मनोरम हिमालय के दृश्यों और देवदार और बांज प्रजाति के पेड़ों की सुखदायक और प्रदूषण मुक्त हरियाली सभी को आकर्षित करती है। यहां कुमाऊं रेजीमेंट सेंटर भी है। गोल्फ कोर्स सबसे अनुभवी पर्यटकों के लिए भी यादगार अनुभव हैं।याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि जिस तरह मसूरी और नैनीताल जैसे अन्य शानदार हिल स्टेशनों को गौरवान्वित किया जाता है, उसी तरह रानीखेत को किसी बीमारी के नकारात्मक प्रभाव से प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए। राज्य सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में इस मामले में अपने सीमित क्षेत्राधिकार को स्वीकार किया लेकिन प्रस्ताव दिया कि केंद्र सरकार बीमारी का नाम बदलने के लिए अपेक्षित उपाय कर सकती है।

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