मानसून में सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा पहुंचा तापमान, आज दो जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी

 उत्तराखंड में मानसून की बारिश फिर जोर पकड़ सकती है। खासकर कुमाऊं में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है।बुधवार को भी देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में तीव्र बौछारों के एक से दो दौर हो सकते हैं। दून में मंगलवार को सुबह से चटख धूप खिली रही, लेकिन दोपहर बाद आसमान में बादल मंडराने लगे।

फिर बंद हुआ रपटा

रुड़की। सोलानी नदी का जल स्तर बढ़ने के साथ ही बुधवार को फिर से रपटे को बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से वाहनों को अब वाया ढंडेरा नगला इमरती होकर भेजा जा रहा है। इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोक निर्माण विभाग की ओर से 90 लाख की लागत से तैयार कराए गए इस रपटे को लेकर सवालिया निशान उठ रहे हैं आखिर जब रपटा चालू नहीं होना था तो इस पर इतना भारी भरकम बजट खर्च क्यों किया गया।

कुमाऊं में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका

मौसम विभाग की ओर से पिथौरागढ़ और बागेश्वर में कहीं-कहीं अत्यंत भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत और नैनीताल में भी कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट है।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, अगले दो से तीन दिन प्रदेश में आंशिक से लेकर आमतौर पर बादल छाये रहने के आसार हैं। कुछ क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बारिश का क्रम तेज होने की आशंका है।

कोटद्वार में राजमार्ग बाधित

कोटद्वार क्षेत्र में भले ही बारिश न हो रही हो। लेकिन आमसौड़, दुगड्डा व ऊपरी पर्वतीय क्षेत्रों में इस वक्त तेज बारिश हो रही है। वर्षा के कारण दुर्गा देवी मंदिर के समीप राजमार्ग बाधित हो गया है। भूस्खलन की जद में आए आमसौड़ के ग्रामीण भी घरों से बाहर निकल सुरक्षित स्थान की तरफ चले गए हैं। कोटद्वार में बारिश की संभावना है।

गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुचारू

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में बादल छाए हुए हैं। जिले में रात के समय कहीं भी वर्षा नहीं हुई है।‌ गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुचारू है। जिले के दो संपर्क मार्ग अवरूद्ध हैं।

जोशीमठ में नाले के उफान से झोपड़ी ध्‍वस्‍त, एक की मौत , तीन घायल

बीती रात्रि को बारिश जोशीमठ क्षेत्र में बारिश मुसीबत साबित हुई है। मारवाड़ी नाले में मलबा पत्थर आने व भूस्खलन से मारवाड़ी पुल के पास अस्थाई उेरा बनाकर रह रहे नेपाली मजदूर दब गए। इस दौरान एक मजदूर की मौत हो गई है। जबकि तीन घायल है। ये मजदूर बदरीनाथ हाइवे पर सीमा सड़क संगठन द्वारा बनाए जा रहे हेलंग मारवाड़ी बाइपास निर्माण कार्य में लगी कंपनी के साथ काम कर रहे थे।

बताया गया कि रात्रि डेढ़ बजे लगभग बारिश के दौरान जोशीमठ से बहने वाला मारवाड़ी नाला उफान पर आ गया। इस दौरान नाले का रूख मुड़ने से नेपाली मजदूरों की झोपड़ी मलबे में दब गई। इस दौरान झोपड़ी में चार नेपाली मजदूर सो रहे थे।

बताया गया कि झोपड़ी में ही सो रहे प्रेम बहादुर ने तत्काल अपनी पत्नी शांति देवी को उठाकर मलबे से निकालते हुए घायल अवस्था में ही पास की पुलिस चौकी में जाकर इसकी सूचना दी। मौके पर तत्काल पुलिस व एसडीआरएफ ने पहुंचकर रेस्क्यू किया तथा जेसीबी से भी मलबा हटाया गया, रेस्क्यू के दौरान मलबे में दबे 35 वर्षीय ऐम बहादुर निवासी सुरखेत नेपाल की मौके पर ही मौत हो गई थी।

जबकि मलबे में दबे 22 वर्षीय दिनेश बहादुर पुत्र प्रेम बहादुर ग्राम कालिकोट नेपाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोशीमठ उपचार के लिए भेजा गया है। बताया गया कि प्रेम बहादुर पुत्र लाल बहादुर कालीकोट नेपाल व शांति देवी पत्नी प्रेम बहादुर कालीकोट नेपाल को भी घायल होने के चलते चिकित्सालय उपचार के लिए भेजा गया है।

दूसरी ओर टीएचउीसी की विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना का काम कर रही एचसीसी कंपनी के हेलंग गुलाबकोटी स्थिति क्रेसर प्लांट के उपर भूस्खलन ने भारी नुकसान हुआ है। बरसाती नाले के साथ भूस्खलन का मलबा आने से मशीनें, वाहन , पावर सप्‍लाई रूम सहित मजदूरों के आवास दबे हैं। हालांकि बारिश भूस्खलन से खतरे को भांपते हुए यहां तैनात मजदूर व कर्मचारी सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। एचसीसी के प्रोजेक्ट प्रबंधक सजित कुमार ने बताया कि कंपनी भारी नुकसान हुआ है।

रुड़की में एक ही दिन में तापमान ने लगाई 4.5 डिग्री सेल्सियस की छलांग

शिक्षानगरी के दिन के तापमान ने एक ही दिन में 4.5 डिग्री सेल्सियस की छलांग लगा दी। सोमवार की तुलना में मंगलवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 36.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जोकि सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

शहर और आसपास के क्षेत्रों में लोगों को मानसून के सीजन में भी भीषण गर्मी झेलनी पड़ रही है। जिस कारण लोगों का हाल बेहाल हो रखा है। उमस भरी गर्मी की वजह से लोग दिनभर पसीना-पसीना हो रहे हैं। विभिन्न इलाकों में होने वाली बिजली कटौती की समस्या ने लोगों की परेशानी को और अधिक बढ़ा दिया है। वहीं, मंगलवार को तेज धूप खिली। दिनभर में कई बार बादल भी आए, लेकिन एकाएक गायब भी हो गए।

मंगलवार को शहर का न्यूनतम तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ, जो सामान्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस कम रहा। उधर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को आसमान में बादल छाने और वर्षा की संभावना बनी हुई है।

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