उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष नरेश बंसल ने आपातकाल से संबंधित विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर दिया है। बंसल ने सोमवार को संसद के बजट सत्र में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार से इस दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया।
राज्यसभा सदस्य बंसल ने कहा कि वर्ष 1975 में देश पर थोपा गया आपातकाल लोकतंत्र के माथे पर काला दाग है। 21 माह तक चले आपातकाल के दौरान नागरिक स्वतंत्रता का हनन, असहमति का दमन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हनन हुआ था। हजारों लोग बिना कारण जेलों में ठूंस दिए गए। तब लोकतंत्र बचाने को हजारों लोग बलिदान हुए।
स्कूल पाठ्यक्रम में आपातकाल का विषय शामिल करने की मांग
उन्होंने कहा कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र के साथ जब जो विश्वासघात किया, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों और दमन का विरोध करने वालों की ओर से की गई लड़ाई को समझाने वाला एक अध्याय स्कूल-कालेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।