सत्ता और विपक्ष के विधायक जहां वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी करने में एकजुट रहे, वहीं पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने वेतन-भत्ते बढ़ाने पर सवाल खड़े किए। कहा, विधायकों के वेतन व भत्ते बढ़ाने के लिए नियामक आयोग बनाया जाना चाहिए। इसके लिए प्रदेश सरकार व विस अध्यक्ष से भी नीतिगत फैसला लेने की मांग की। उन्होंने एलान किया कि विस अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूर्व विधायकों की पेंशन व भत्तों में की गई बढ़ोतरी को नहीं लूंगा।
गोदियाल ने कहा, भराड़ीसैंण में हुए सत्र में सरकार ने विधायकों, पूर्व विधायकों के वेतन व भत्तों में बढ़ाने के लिए विधेयक पारित किया, जिसमें वर्तमान विधायकों के वेतन-भत्तों में 1.15 लाख और पूर्व विधायकों के पेंशन व भत्तों में 10 से 12 हजार की बढ़ोतरी करने की जानकारी है।
कहा, विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को छह से सात हजार मानदेय दिया जा रहा, वहीं आपदा के समय प्रभावितों को सरकार की ओर से दी जाने वाली पांच हजार रुपये की सहायता भी समय पर नहीं मिल रही है। ऐसे समय में विधायकों का वेतन व भत्ते बढ़ाना लोगों को चिढ़ाने वाला निर्णय लिया है।कहा, लोगों को विश्वास में लाने के लिए प्रदेश सरकार को विधायकों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी करने के लिए नियामक आयोग बनाने की जरूरत है।