देव संस्कृति विवि पहुंचे जेपी नड्डा, कहा-हमारी रगों में रचा-बसा है वसुधैव कुटुम्बकम का भाव

धर्मनगरी में रविवार को पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित व्याख्यान कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वैचारिक पृष्ठभूमि में प्रत्येक भारतीय के रगों में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का भाव रचा बसा है। भारत इन दिनों सम्पूर्ण विश्व में एक पृथ्वी, एक परिवार एवं एक भविष्य की दिशा में मानवता के लिए कार्य कर रहा है। भारत की सोच विकास को प्राप्त करना है और अपनी विरासत को संभाल कर रखना है।जेपी नड्डा हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित जी-20 की थीम पर अधारित विशेष व्याख्यानमाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूज्य आचार्य श्रीराम शर्मा जैसे विरले लोग हैं, जिन्होंने करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव के लिए कार्य किया है। आचार्य के सामाजिक आध्यात्मिक आंदोलन ‘हम बदलेंगे युग बदलेगा’ जैसे आदर्श वाक्य को अपनाकर मैंने जीवन में बहुत कुछ पाया है। नड्डा ने कहा कि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में योग, आयुर्वेद आदि विषयों में हो रहे शोध मानवता के विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल है।

संबोधन से पूर्व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व मल्लिका नड्डा आदि ने विवि परिसर में लालचंदन का पौधा रोपा। उन्होंने प्रज्ञेश्वर महादेव की पूजा अर्चना की। सभी ने सामूहिक रूप से शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश की रक्षा में अपने सर्वोच्च बलिदान करने वाले सैनिकों की शहादत को भी नमन किया।

ज्ञान चेतना की गंगोत्री है शांतिकुंज : सीएम धामी

व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा ने समाज में जो जनजागृति लाने का पुनीत कार्य किया, इसके लिए आने वाली पीढ़ियां सदैव उनकी ऋणी रहेंगी। शांतिकुंज ज्ञान चेतना की गंगोत्री है। उन्होंने कहा कि पूज्य आचार्य ने गायत्री माता व यज्ञ को घर-घर स्थापित करने और सनातन संस्कृति को पुनर्भाषित किया, साथ ही उनके सिद्धांतों पर गायत्री परिवार द्वारा साधना, शिक्षा, स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण, जनशक्ति का संरक्षण और युवाओं को संगठित करने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जी-20 की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया।

ऋषियों ने संवारा है भारतीय इतिहास को : पण्ड्या

देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि एकता, समता, सुचिता व्यक्तित्व का निर्माण करता है। भारतीय इतिहास को हमारे ऋषियों ने संवारा है। उन्होंने कहा कि हम रहें या न रहें, लेकिन देश हमेशा रहेगा, इसलिए देश के गौरव व उत्थान के लिए हर संभव कार्य करना चाहिए। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष नड्डा, मुख्यमंत्री धामी व अन्य अतिथियों को स्मृति चिह्न, युगसाहित्य, गंगाजली आदि भेंटकर सम्मानित किया। वियतनामी भाषा में पुस्तक मैं क्या हूं आदि सहित ईन्यूज लेटर रिनांसा, इंटरडिसप्लीनरी जनरल आफ यज्ञ रिचर्स आदि का विमोचन किया गया।

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