मंत्री ने किया निरीक्षण, मार्च 2024 तक पूरा होगा उत्तराखंड के हिस्से वाला काम

देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेसवे के उत्तराखंड की तरफ वाले 3.60 किमी हिस्से का निर्माण कार्य मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद दून-दिल्ली का सफर मात्र ढाई से तीन घंटे में पूरा हो सकेगा।सोमवार को लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने उत्तराखंड वाले हिस्से में आशारोड़ी-डाटकाली में निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने परियोजना की बारीकियां समझीं और समयबद्ध तरीके से काम को पूरा करने के निर्देश दिए। महाराज ने कहा, यह संपूर्ण परियोजना ईपीसी मोड पर निर्माणाधीन है। कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 113 किलोमीटर सिक्स लेन (एक्सेस कंट्रोल) है।

परियोजना की लागत 11,970 करोड़ के लगभग है। इसे न्यूनतम 100 किमी प्रति घंटे की गति के हिसाब से डिजाइन किया गया है। वर्तमान में देहरादून से दिल्ली की दूरी 235 किमी है, जो कॉरिडोर के बनने के बाद घटकर 213 किमी रह जाएगी। महाराज ने कहा, दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून आर्थिक गलियारे के निर्माण से इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

कहा, विशेष रूप से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग के लिए यह एक वरदान साबित होगा। निरीक्षण के दौरान एनएचएआई परियोजना निदेशक पंकज मौर्य, अभियंता रोहित पंवार, टीम लीडर केके जैन, परियोजना प्रबंधक मोहन, परियोजना उपाध्यक्ष अतुल कुमार आदि मौजूद थे।अक्षरधाम से शुरू, आशारोड़ी में खत्म होता है एक्सप्रेसवे

महाराज ने कहा, दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के पास डीएमई से शुरू होता है और शास्त्री पार्क, खजूरीखास, मंडोला, खेकड़ा (बागपत) में ईपीईई इंटरचेंज से मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग 709 बी पर जाता है। इसके बाद बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले से गुजरने वाला ग्रीनफील्ड राजमार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग-344 जी), सहारनपुर बाईपास पर मिलता है। इसके बाद मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग 344 और राष्ट्रीय राजमार्ग 307 का अनुसरण करता है, जो छुटमलपुर, गणेशपुर, मोहंड, डाट काली देवी स्थित सुरंग से होकर आशारोडी देहरादून पर समाप्त होता है।

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