बढ़ा हुआ है कांग्रेस का मनोबल
अब पूरा जोर केदारनाथ उपचुनाव में जीत पाने पर है। केदारनाथ सीट भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन से रिक्त हुई है। इस सीट पर दावेदारी को लेकर उनकी बेटी ऐश्वर्या रावत को लेकर जिस अंदाज में इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट वायरल हुई, उससे कांग्रेस को सत्ताधारी दल की घेराबंदी का मौका मिल गया।
कांग्रेस शीघ्र कर सकती है प्रत्याशी की घोषणा
मात्र ऐश्वर्या रावत ही नहीं, बल्कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहे कुलदीप रावत के तेवर भाजपा की चिंता भले ही बढ़ा रहे हों, लेकिन कांग्रेस को इसकी आड़ में टिकट को लेकर अपनी कलह छिपाने का अवसर दे दिया है। कुलदीप रावत वर्तमान में भाजपा में हैं।
कांग्रेस की रणनीति उपचुनाव में केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के असंतोष को मुद्दा बनाने की है, ताकि मतदाताओं को संदेश दिया जा सके। पार्टी अपने प्रत्याशी की घोषणा शीघ्र कर सकती है। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा प्रत्याशी चयन के लिए पर्यवेक्षकों की रिपाेर्ट पर विचार करने के लिए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ गत दिवस नई दिल्ली में बैठक कर चुकी हैं।
समन्वय समिति की बैठक आज
सूत्रों के अनुसार जिताऊ प्रत्याशी की संभावनाओं के आधार पर पार्टी ने सभी विकल्प खुले रखे हैं। इसलिए वेट एंड वाच के फार्मूले को अपनाया गया है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति की बैठक बुलाई गई है।
समन्वय समिति केदारनाथ उपचुनाव के साथ आगामी नगर निकाय चुनाव को ध्यान में रखकर आगे की रूपरेखा तैयार करेगी। माना यह भी जा रहा है कि प्रत्याशी की घोषणा से पहले प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं यानी समन्वय समिति में अंतिम रूप से सर्वसम्मत राय भी बना ली जाए। इसके बाद पार्टी हाईकमान शनिवार सायं अथवा रविवार तक प्रत्याशी की घोषणा कर सकता है।