संस्कृत शिक्षा विभाग उत्तराखंड द्वारा संस्कृत के प्रचार-प्रसार और उसके सार्वभौमिकरण के लिए प्रदेश के 13 जिलों में 13 ग्रामों को संस्कृत ग्राम घोषित किया गया है. इसी के तहत रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भोगपुर में संस्कृत ग्राम के शुभारंभ के साथ ही कार्यक्रम में अन्य 12 जिलों में भी स्थापित संस्कृत ग्रामों को जोड़कर वर्चुअल प्रणाली से शुभारंभ किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तरकाशी में आई आपदा में अपनों को खोने वालों के साथ उनकी संवेदनाएं हैं और सरकार उनके साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में पुनर्वास कार्यक्रम चलाया जा रहा है. वहीं पीड़ितों के लिए सभी व्यवस्थाएं पटरी पर आए, इसके लिए कार्य तेजी से किए जा रहे हैं.
वहीं उन्होंने विश्व संस्कृति दिवस की सभी को बधाई दी और कहा कि आज एक ऐतिहासिक अवसर है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार किया जा रहा है. आज 13 जिलों में आदर्श संस्कृत गांव स्थापित किए गए हैं, जहां सभी कार्य संस्कृत भाषा में संपादित किए जाएंगे और संस्कृति को बढ़ावा देने और संस्कृति के प्रचार प्रसार को भी नया रूप दिया जाएगा. उसके साथ ही संस्कृत में शोध का कार्य भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संस्कृत को पूजा पाठ तक सीमित ना रहकर विस्तार देने की जरूरत है और हम सभी को संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि राज्य में संस्कृत को द्वितीय भाषा का दर्जा दिया गया है.
सीएम धामी ने कहा कि, संस्कृत भाषा हमारी आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी के साथ आगे बढ़ते रहे, उसके लिए 13 जिलों में 13 संस्कृत ग्राम बनाने की शुरुआत की है. इसके तहत विद्यालय, भवन और साहित्य भी उपलब्ध होगा. इससे आने वाले बच्चे संस्कृत भाषा में संवाद करेंगे.
इसके अलावा सीएम धामी ने डोईवाला के रानी पोखरी में महादेव खाले की सुरक्षा दीवार और अन्य कार्यों के लिए 9 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की है. बता दें कि रानी पोखरी का महादेव खाला बरसात के समय अपने प्रचंड रूप में आ जाता है और भारी नुकसान करता है. किसानों की खेती और जमीन बर्बाद हो जाती है और इसका पानी घरों में घुस जाता है. यह समस्या कई सालों से बनी हुई थी. विधायक डोईवाला बृजभूषण गेरोला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सुरक्षा कार्य और अन्य कार्यों के जारी 9 करोड़ की धनराशि स्वीकृत करने पर धन्यवाद किया.