धराली आपदा में जिंदगी की तलाश जारी है। आपदा को एक हफ्ता हो गया है। वहीं, मौसम की चुनौती के बीच आज रेस्क्यू के लिए सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व जिला प्रशासन ड्रोन और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी हैं। धराली में फंसे 1273 लोगों को अब तक सुरक्षित निकाल लिया गया है। अब लापता लोगों की तलाश की जाएगी।
वहीं बीते दिन उत्तरकाशी जनपद के आपदा प्रभावित इलाकों में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हेलीकॉप्टरों को कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए आपदा प्रभावित इलाकों में ड्रोन पर बैन लगाया गया है। आपदाग्रस्त धराली तक सडक मार्ग से पहुंचने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। वहीं जनपद में लगातार बारिश होने के कारण धराली क्षेत्र के लिए हेली रेस्क्यू अभियान शुरू नहीं हो पाया है। मौसम खराब होने की वजह से हेली उड़ान नहीं भर पा रहे हैं।
बीआरओ ने गंगनानी में वैली ब्रिज तैयार कर लिया है। जिसके बाद वैली ब्रिज पर पैदल आवाजाही शुरू हो गई है। पुलिस, फायर और एसडीआरएफ के जवान हर्षिल-धराली आपदा स्थल पर सर्च अभियान में जुटे हैं। राहत बचाव कार्य को उच्चधिकारियों द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है। आपदाग्रस्त हर्षिल, धराली में ध्वस्त भवनों के रेत व मलबे आदि में सर्च अभियान जारी है।
गौर हो कि बीते दिन 2 बजे तक आपदाग्रस्त क्षेत्र से 132 लोगों को एयर लिफ्ट किया गया, जबकि 79 लोगों को ITBP मातली और 53 लोगों को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाया गया। सीएम पुष्कर सिंह धामि ने उत्तरकाशी आपदा पीड़ितों के लिए एक महीने का वेतन देने की घोषणा की है, साथ ही आईएएस एसोसिएशन ने भी आर्थिक सहयोग का ऐलान किया है। बता दें कि सीएम धामी खुद आपद राहत कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
बता दें आज मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिसमें उत्तरकाशी जिला भी शामिल है। ऐसे में भारी बारिश आपदा राहत कार्यों में खलल डाल सकती है। गंगनानी के पास पुल बहने के बाद गंगोत्री हाईवे पर वैली ब्रिज का निर्माण हो गया है। जिसके बाद बीती रात से मार्ग पर यातायात सुचारू हो गया है। डबरानी, सोनगाड़, हर्षिल, धराली में बाधित गंगोत्री हाईवे को सुचारू करने का कार्य जारी है।