![](http://doonujala.com/wp-content/uploads/2024/01/001-poster-release-scaled.jpg)
पूरे विश्व में चल रहे जलवायु परिवर्तन के दौर में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर मिट्टी की खत्म हो रही उर्वरता को बचाया जा सकता है। देश में लोगों के बीच इको फ्रेंडली फूड हैबिट्स विकसित करने की भी जरूरत है। अन्तरराष्ट्रीय मिलेट ईयर पर उत्तराखंड में मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहन देना अच्छी पहल है। पंतनगर विश्वविद्यालय का देश में हरित क्रांति लाने में बड़ा योगदान रहा है।
यह बात गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 35वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कही। विवि के प्रशासनिक भवन परिसर में आयोजित समारोह में 2022-23 में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले 1041 छात्रों को मेडल और उपाधियां प्रदान कीं गईं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि कृषि क्षेत्र की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और इन्फॉरमेशन एंड टेक्नोलॉजी (आईटी) का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। पंतनगर विवि ने कृषि ड्रोन विकसित कर इस क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। इससे कई एकड़ भूमि में एक साथ कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विकास में युवा पीढ़ी को महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।