महेंद्र सिंह धोनी उत्तराखंड में चार दिनों के निजी भ्रमण कार्यक्रम के बाद रांची वापस लौट गए। जाते-जाते धोनी यहां बिताए यादगार पल अपने साथ ले गए और लोगों से बचपन की यादें साझा कर गए। धोनी के सरल और सादगी भरे अंदाज ने हर किसी को अपना कायल बना दिया।
अखरोट देखते ही धोनी के मुंह से एकाएक निकला, जब-जब मां गांव आती थीं तो यही अखरोट ले जाती थीं…। अपने पैतृक गांव ल्वाली और फिर नाटाडोल गांव में धोनी को भरपूर प्यार के साथ आशीर्वाद भी मिला। गुड़ की चाय हो या स्थानीय उत्पाद, धोनी से सबका स्वाद लिया। शनिवार सुबह ग्रामीणों ने उन्हें अखरोट दिए तो उनकी बचपन की यादें ताजा हो गईं।
उन्होंने बताया कि समय-समय पर मां ल्वाली और नाटाडोल गांव आती रही हैं। हर बार वह यहां से अखरोट, माल्टा और अन्य उत्पाद लाती रही हैं। आज यहां इन उत्पादों का स्वाद लेकर पुरानी यादें फिर से ताजा हो गईं। धोनी ने कहा कि मां कई बार काफल का जिक्र किया करती हैं। इस बार उन्हें काफल नहीं मिल पाए, लेकिन अगली बार वह काफल का स्वाद लेने जरूर गांव लौटेंगे।