राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हाईकमान के नए प्रयोग ने उत्तराखंड में भी पार्टी में राजनीतिक गरमाहट ला दी है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सिटिंग सांसदों के साथ ही पार्टी के कई और नए चेहरों ने भी मजबूती से अपनी दावेदारी रखनी शुरू कर दी।
उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों पर इस वक्त सिटिंग सांसदों के अलावा 14 और भाजपा नेता भी तैयारी में जुटे हैं। इनमें कई खुलकर चुनाव लड़ने की इच्छा जता भी चुके हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ समय पूर्व सांसदों की छवि और उनके प्रदर्शन को लेकर किए गए सर्वे के नतीजे भी नए दावेदारों की उम्मीदों को बल दे रहे हैं।
इस सर्वें में पार्टी की स्थिति अपेक्षाकृत काफी बेहतर पाई गई, लेकिन कुछ सांसदों का रिपोर्ट कार्ड आशानुरूप नहीं है। हालिया विस चुनाव में भाजपा हाईकमान ने टिकट वितरण में सख्त फार्मूला अपनाया था। इसमें जहां कई सांसदों को मैदान में उतार दिया गया। वहीं कई विधायकों के टिकट काटने में भी जरा भी गुरेज नहीं किया।
इसके बाद मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सीएम चयन में भी हाईकमान ने इसी प्रकार फैसला लेकर चौंकाया। पार्टी में टिकट के कई दावेदार कई महीनों से क्षेत्र में सक्रियता के साथ ही संगठन में भी पैठ मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हैं।