पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत टिहरी विस्थापितों की मांग को लेकर 01 फरवरी को गाँधी पार्क में धरने पर बैठेंगे। रावत ने सरकार पर आरोप लगाया कि हरिद्वार के पथरी में विस्थापित टिहरी बाँध प्रभावितों को 45 साल बाद भूमिधरी का अधिकार लटकाया जा रहा है। रावत ने कहा कि टिहरी बाँध हमारा अभिमान है। लोगों ने राष्ट्र और राजनेताओं के अभिमान पर अपना सबकुछ कुर्बान कर दिये।
उनसे किए गए वायदे राष्ट्र के बादे थे। हर परिवार को नौकरी का वायदा किया था कल्याण सिंह सरकार ने दुर्भाग्य से इसे विड्रा कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने क्षति पूर्ति के लिए कमेटी बनाने के लिए कहा था। गांव भूधसाव कर रहे हैं। समीक्षा रोक दी गई। प्रतिकर के मामले रुके पड़े हैं।
हरिद्वार पथरी में बसे लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। 45 साल बाद भी मालिकाना हक नहीं दे पा रहे हैं। घर के नाम पर बैंक से कर्ज नहीं ले पा रहे हैं। पिछली बार बाढ़ आई, आज भी स्थिति चिंताजनक है। भूमिधरी अधिकार नहीं दिया जा रहा। भराड़ीसैण विधानसभा में आश्वासन दिया गया।
मुख्य्मंत्री की हरिद्वार के विधायक के साथ बैठक होती है, अधिकारीयों को आदेश दिए, अधिकारी गड़े मुर्दे उखाड़ रहे हैं। वन विभाग सर्वेक्षण करवाता है कि जो जमीन है आवंटित हुई वो 23 हेक्टेयर ज्यादा है। आवंटन यूपी से हुआ है, और यूपी जाना पड़ेगा। लटकाने की कोशिश हो रही है। 912
1- मन्त्रीमंडल की बैठक बुलाकर भूमिधरी अधिकार दिया जाय। इनने उनने कुछ नहीं
2- वन बिभाग का सर्वेक्षण नॉन सेंस है निरस्त होना चाहिए। कानूनी तरीके से उलझाने की कोशिश न हो।
3- टिहरी वालों से हुए वायदे की समीक्षा, कैबिनेट की कमेटी बनाई जाए।
4- सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के आदेश की समीक्षा शुरू की जाए।
जब तक 01 फरवरी को गांधी पार्क में 1 घंटे का मौन पर बैठूंगा।
अघोषित बिजली कौटाती, ऊर्जा भवन में तालाबंदी के लिए मजबूर किया जा रहा है। 12 से 14 घंटे कटौती की जा रही है। किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे है। परीक्षा का समय है।
प्रेस वार्ता में हरीश रावत के साथ ज्योति रौतेला, सुरेन्द्र अग्रवाल, धीरेन्द्र प्रताप, शांति प्रसाद भट्ट, पूरन सिंह रावत, महावीर रावत, वेरेन्द्र पंवार, विक्रम खरोला मौजूद रहे।