राजधानी देहरादून में बारिश का सिलसिला जारी है। इस बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गांधी पार्क में मौन उपवास पर बैठ गए हैं। बता दें हरीश रावत ने टिहरी बांध विस्थापितों को भूमिधारी का अधिकार देने की मांग की है।
बता दें गुरुवार को गांधी पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एकत्रित हुए। हरीश रावत ने कहा कि राज्य सरकार अभी तक टिहरी विस्थापितों का उत्पीड़न करने का काम कर रही है। हरदा ने कहा कि ये बेहद चिंताजनक है कि टिहरी बांध निर्माण से लोगों ने खेती बाड़ी, अपने घर की कुर्बानी दी। लेकिन 42 साल बाद भी विस्थापितों को दी गई जमीन पर भूमिधरी का अधिकार नहीं मिला है।
हरीश रावत ने कहा कि यह टिहरी विस्थापितों के बलिदान का उपहास है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने टिहरी विस्थापितों को भूमिधर अधिकार दिए जाने का आदेश दिया था। लेकिन दूसरी सत्ता के आते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब पथरी में बसे लोगों ने यह निर्णय लिया है कि अगर उन्हें जमीन का मालिकाना हक नहीं मिला तो वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे जो देश के साथ ही उत्तराखंड के लिए भी शर्मनाक होग।
हरदा ने उपवास में बैठने से पहले फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा कि वर्षा तुम भी आओ, तूफान तुम भी आओ, ठंड तुम भी बरसो, हमने तो मौन व्रत पर बैठने की ठानी है। आज गांधी पार्क देहरादून में मैं पथरी के विस्थापितों को भूमिधरी अधिकार दिए जाने की मांग को लेकर मौन उपवास रखूंगा।
प्रदर्शन के लिए जो लोग दूर से लोग आ रहे हैं यदि ठंड ज्यादा पड़ती देखें तो उन्हें आने की आवश्यकता नहीं है एक भूतपूर्व मुख्यमंत्री का मौन व्रत और धरना उनकी मांग को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। मैं लगभग 56 साल के अपने राजनीतिक जीवन के साथ पथरी के विस्थापितों के साथ खड़ा हूं।