कभी भी लग सकती है सेंध खतरे को बुलावा दे रहा यह स्टेशनऑडिट करने पहुंची टीम भी खामियां देख रह गई हैरान

राजधानी का रेलवे स्टेशन सुरक्षा के लिहाज से असुरक्षित है, जिसके चलते यहां पर किसी भी समय सेंध लग सकती है। देहरादून रेलवे स्टेशन का सुरक्षा आडिट करने पहुंची सुरक्षा एजेंसियों की टीमों ने यहां तमाम तरह की खामियां पाई हैं।

सुरक्षा मानकों की स्थिति यह है कि पूरे रेलवे स्टेशन पर कुल 15 सीसीटीवी कैमरे ही हैं, जो सुरक्षा मानकों के अनुसार किसी काम के नहीं हैं। साथ ही कंट्रोल रूम में एक भी कर्मचारी तैनात नहीं रहता है। कैमरों पर निगरानी रखने के लिए बनाए गए कमरे में ताला लटकता रहता है। स्टेशन की दीवारें भी हर दिशा में टूटी हुई हैं। इनमें से कुछ दीवारें तो रेलवे के कर्मचारियों ने ही अपने वाहनों को अंदर लाने के लिए सही नहीं होने दीं।

सुरक्षा में कई तरह की खामियां पाई गईं…

वर्ष 2019 के बाद शुक्रवार को रेलवे स्टेशन पर आइबी, जीआरपी, आरपीएफ, रेलवे, पुलिस अधिकारियों की टीमों ने सुरक्षा आडिट किया। इस दौरान उन्होंने टिकट काउंटर हाल, बाहर की दीवारों, प्रवेश द्वार, पार्सल आफिस, क्लाक रूम, प्लेटफार्म आदि का निरीक्षण किया। इस दौरान सुरक्षा में कई तरह की खामियां पाई गईं।

सबसे बड़ी खामी स्टेशन में लगे कैमरे हैं। इसके अलावा चारों तरफ की दीवारें टूटी हुई हैं, जहां से स्थानीय और रेलवे कर्मचारी अपने वाहनों को प्लेटफार्म पर लेकर आ जाते हैं। यह नियमों के विपरीत पाया गया है। अधिकारियों ने सभी खामियों को सुरक्षा में खतरा बताते हुए रिपोर्ट में तैयार की है, जो कि रेलवे मंत्रालय को सौंपी जाएगी।

जीआरपी के अधिकारियों ने बताया कि स्टेशन की पूर्वी और पश्चिमी दिशा की दीवारें टूटी हुई हैं। इसकी वजह से अधिकतर असामाजिक तत्व स्टेशन परिसर में घुस आते हैं। इसकी वजह से यहां चोरी, लूट जैसी घटनाएं होती हैं। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है।

इस मौके पर जीआरपी के सीओ स्वप्निल मुयाल, जीआरपी निरीक्षक टीएस राणा, स्टेशन अधीक्षक रविंदर कुमार, सीएमआइ एसके अग्रवाल, रेलवे सुरक्षा बल के सीओ वीके मिश्रा, एसएलओ स्मिता परमार, सीओ सिटी नीरज सेमवाल आदि मौजूद रहे।

स्टेशन के होम सिग्नल तक दीवार बनाने का सुझाव

सुरक्षा एजेंसियों की टीमों ने रेलवे बोर्ड को पूर्वी दिशा में होम सिग्नल तक 400 मीटर लंबी और आठ से 10 फीट ऊंची दीवार बनाने का सुझाव दिया है। दीवारों पर फेंसिंग तीन फीट ऊंची करने के लिए कहा है। इसके अलावा सुरक्षा आडिट कमेटी की टीम ने मसूरी बस स्टैंड के पास पार्किंग की क्षतिग्रस्त दीवारों को भी ऊंचा कराने और दीवार को आठ फीट ऊंची करने के साथ ही तीन फीट ऊंची फेंसिंग करने का सुझाव दिया है।

स्टेशन पर लगे कैमरों में नजर नहीं आते चेहरे

सुरक्षा के लिहाज से रेलवे स्टेशन पर आइटीजेड कैमरे लगाए जाने थे, जबकि इनकी जगह बुलेट कैमरे लगा दिए गए। यह कैमरे सिर्फ दो मेगा पिक्सल के कैमरे हैं, जिससे प्लेटफार्म पर विचरण करने वाले लोगों के चेहरे तक साफ नजर नहीं आ रहे हैं। इसके साथ ही कैमरे गलत दिशा में लगाए गए हैं, जिसके लिए कमेटी ने दिशा बदलने को कहा है।

स्टेशन पर अग्निशमन यंत्रों और दुकानों के सत्यापन की हुई जांच

स्टेशन पर पुलिस, जीआरपी और आइबी की टीम ने स्टेशन प्लेटफार्म पर दुकानों के सत्यापन की भी जांच की। जो कि सही पाई गई। इसके साथ ही प्रत्येक दुकान में अग्निशमन यंत्रों और गैस सिलिंडरों को भी चेक किया गया। जिसमें किसी प्रकार की खामियां नहीं पाई गईं।

टिकट काउंटर पर रात्रि में तैनात नहीं होता पुलिसकर्मी

टिकट हाल में दिन हो या रात कोई भी सुरक्षाकर्मी नहीं तैनात रहता है। संध्या के समय असामाजिक तत्व हाल के आसपास बैठे रहते हैं। यह शिकायत रेलवे की महिला कर्मचारियों ने की है। उन्होंने कहा कि कैश अगले दिन जाता है। रात्रि के समय यहां पर असामाजिक तत्व भटकते रहते हैं। इसकी शिकायत जीआरपी और आरपीएफ से कई बार की गई, लेकिन बावजूद इसके अब तक कोई सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं किया गया है।

आडिट के दौरान ही प्लेटफार्म से कूदकर ट्रेन पर चढ़ते रहे यात्री

सुरक्षा आडिट कमेटी के सामने ही यात्री प्लेटफार्म से कूदकर ट्रेन में चढ़ते नजर आए। यात्रियों की सुरक्षा के लिए यह भी सबसे बड़ी खामी दून स्टेशन पर मिली है।

प्रवेश द्वार और पार्सल आफिस में स्कैनर नहीं

इतने बड़े स्टेशन के प्रवेश द्वार पर सामान की जांच के लिए स्कैनर मशीन नहीं है। एक मेटल डिटेक्टर लगा है। इसको जब आइबी के अधिकारी ने चलाने को कहा तो मौके पर वह नहीं चला। रेलवे के कर्मचारियों ने बताया कि यह अभी कुछ दिनों से खराब है। वहीं, पार्सल आफिस, क्लाक रूम में भी सामान आता रहता है, लेकिन उसकी जांच के लिए भी स्कैनर नहीं है। सुरक्षा के मानकों को पूरा करने के लिए सिर्फ आधार नंबर यात्रियों से लिया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *