तीन लाख में बिक रहा गोल्ड!, राष्ट्रीय खेल में मैच फिक्सिंग का खुलासा, IOA ने DOC को हटाया

उत्तराखंड में इन दिनों 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन चल रहा है, जो अब बड़े विवाद में घिर गया है. बता दें सोमवार को गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी) ने प्रतियोगिता में हेराफेरी की रोकथाम (पीएमसी) की सिफारिश को स्वीकार कर लिया और ताइक्वांडो के प्रतियोगिता निदेशक टी प्रवीण कुमार को कथित तौर पर प्रतियोगिता में 16 भार वर्गों में से 10 में परिणाम फिक्स करने के आरोप में हटा दिया है.

बता दें ताइक्वांडो के डीओसी टी प्रवीण कुमार को हटा कर एस दिनेश कुमार को नया निदेशक नियुक्त किया है. आरोप है कि पूर्व निदेशक ने स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिलाने के नाम पर 3 लाख रुपए , 2 लाख रुपए और 1 लाख रुपए में बेचे. स्पर्धाओं के परिणाम पहले से ही तय कर दिए थे. इस शिकायत के बाद गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी ने ताइक्वांडो प्रतियोगिता के डीओसी के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की.

बता दें इस घटना के बाद अन्य घोटाले की आशंका को देखते हुए पीएमसी ने कई अन्य खेलों के खेल निदेशकों को भी बदलने के लिए कहा है. विवाद पर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पी टी उषा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने निष्पक्ष खेल की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एथलीटों को उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का वास्तविक अवसर मिले. मैच फिक्सिंग पर सीएम धामी का रिएक्शन भी सामने आया है. ओलंपिक संघ द्वारा ताइक्वांडो में किए गए खुलासे पर सीएम धामी ने कहा कि संघ एक स्वतंत्र इकाई है और यह उनका आपसी मसला है.

मैच फिक्सिंग के आरोप के बाद अब विपक्ष ने भी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि उत्तराखंड वासियों ने आखिर ऐसा क्या किया है कि उन्हें इस तरह का शर्मनाम अनुभव झेलना पड़ा. उत्तराखंड को पहली बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली थी. इस मौके पर अच्छी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए थी. लेकिन विभाग के सुस्त रवैये ने इस प्रतिष्ठित आयोजन को खराब कर दिया. दसौनी ने कहा कि ये शर्मनाक है कि पदक बेचे गए और मैच फिक्सिंग के चलते अधिकारियों को हटाया गया.

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