यूं तो उत्तराखंड में मातृ शक्ति हमेशा से बेहद अहम रही है। चाहें वो राज्य निर्माण का आंदोलन रहा हो या फिर सामाजिक व्यवस्था। उत्तराखंड की महिला हर क्षेत्र में आगे रही है। वर्तमान समय में उत्तराखंड के तीन बड़े और अहम पदों पर महिलाओं की नियुक्ति ने इस राज्य में महिला शक्ति को अब एक नई उर्जा और आशा दे दी है।
उत्तराखंड की बाइस सालों की आयु में पहली बार उत्तराखंड विधानसभा की कमान एक महिला के हाथों में आई। साल 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी सत्ता में आई और बीजेपी विधायक ऋतु खंडूरी को विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। इसी के साथ ऋतु खंडूरी राज्य की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष बन गईं। ऋतु खंडूरी यमकेश्वर से बीजेपी की विधायक हैं और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी की बेटी हैं।
29 जनवरी 1965 को जन्मी ऋतु खंडूरी मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के राधाबल्लभ पुरम गांव की रहने वाली हैं। चूंकि उनके पिता फौज में थे लिहाजा ऋतु खंडूरी की पढ़ाई लिखाई भी पिता के साथ रहते हुए अलग अलग स्थानों पर हुई। ऋतु खंडूरी ने मेरठ से ग्रेजुएशन किया और उसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से पीजी किया। उन्होंने जर्नलिज्म में डिप्लोमा भी किया। इसके बाद वो एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में काफी समय तक पढ़ाती रहीं। बाद में उन्होंने राजनीति का रुख किया और अब वो विधानसभा अध्यक्ष हैं। ऋतु खंडूरी के पति आईएएस अधिकारी हैं।
वहीं वर्तमान में राज्य में अफसरशाही की कमान भी एक महिला के हाथों में है। उत्तराखंड की सीनियर मोस्ट आईएएस अफसर राधा रतूड़ी राज्य की पहली महिला मुख्य सचिव के तौर पर ज्वाइन कर चुकी हैं। उत्तराखंड में पहली बार ऐसा हुआ है जब मुख्य सचिव की कुर्सी किसी महिला को दी गई है।
राधा रतूड़ी 1988 बैच की आईएएस अफसर हैं। 1985 में मुंबई से मॉस कम्यूनिकेशन में पीजी करने के बाद राधा रतूड़ी सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गईं। हालांकि इस बीच उन्होंने इंडिया टुडे जैसी मैग्जीन में भी काम किया।