महासमर के शंखनाद में बस कुछ घंटे, जानें 2019 में उत्‍तराखंड में कब-कब हुई थी वोटिंग

कल यानी शनिवार को आगामी लोकसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने वाली है। वहीं उत्‍तराखंड में चुनावी हलचल तेज हो गई है। सभी की नजर शनिवार को होने वाली आयोग की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस पर है। इतना ही नहीं पार्टियों में चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां भी तेज कर दी हैं।

चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शनिवार को दोपहर तीन बजे आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। इसे ECI के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। बता दें कि 2019 में चुनाव की घोषणा 10 मार्च को की गई थी।

वर्ष 2000 में उत्तराखंड को अलग राज्‍य का दर्जा प्राप्‍त हुआ। उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीटें हैं। मौजूदा पांचों सीटें यानी हरिद्वार संसदीय सीट, टिहरी गढ़वाल संसदीय सीट, पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट, अल्मोड़ा संसदीय सीट और नैनीताल संसदीय सीट 1977 के बाद अस्तित्व में आईं।

प्रथम चरण में हुए थे लोकसभा चुनाव

2019 में प्रथम चरण में हुए लोकसभा चुनाव के लिए 11 अप्रैल को मतदान हुआ था। राज्‍य की पांचों लोकसभा सीटों पर 52 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया। 2019 में सूबे में 57.85 प्रतिशत मतदान हुआ और यहां पांचों सीटें भाजपा के खाते में आईं। मोदी लहर पर सवार भाजपा ने सभी सीटों पर क्लीन स्वीप कर कांग्रेस को करारी शिकस्‍त दी।

हरिद्वार में भाजपा प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट, टिहरी में माला राज्यलक्ष्मी शाह, पौड़ी में राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत और अल्मोड़ा में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा निर्वाचित घोषित किए गए।

नैनीताल सीट पर पहली बार चुनाव मैदान में उतरे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट रिकार्ड मतों से निर्वाचित घोषित किए गए। भट्ट ने 772195 मत हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (433099) को 339096 मतों के बड़े अंतर से पराजित किया।

राज्य गठन के बाद लोकसभा चुनावों का इतिहास

  • राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में वर्ष 2004 में हुए हुए पहले लोकसभा चुनावों में मिश्रित जनादेश आया।
  • 2009 में फिर से जनता ने कांग्रेसी प्रत्याशियों के पक्ष में जनादेश सुनाया।
  • वर्ष 2014 के चुनावों में मोदी लहर पर सवार भाजपा ने सभी सीटों पर क्लीन स्वीप कर कांग्रेस से हिसाब चुकता किया।
  • इसी तरह 2019 में भी उत्तराखंड की जनता ने भाजपा पर ही भरोसा जताया है।

इस बार कितने हो सकते हैं चरण?

पिछली बार लोकसभा चुनाव एक चरण में संपन्न हुए थे। इस बार भी चुनाव एक चरण में होने की संभावना है।

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