वीकेंड में सैलानियों का पहुंचना शुरू हो गया है। ऐसे में नगर की रंगत में निखार आने लगा है। उम्मीद है कि अगले दो दिन सैलानियों की आमद में अधिक बढ़ोतरी होगी। नगर में शुक्रवार को खासी चहल-पहल देखी गई। बाजारों में भीड़ रही और पर्यटन स्थल गुलजार रहे।
सैलानियों की आमद बढ़ने से पर्यटन कारोबारी खुश हैं। स्नोव्यू, राजभवन, चिड़ियाघर, हिमालय दर्शन में सैलानियों की पूरे दिन आवाजाही रहने से चहल पहल रही। शाम के समय में मालरोड पर भी रौनक रही। झील में भी काफी संख्या में नौकायन करते सैलानी नजर आए।
कार्बेट पार्क भ्रमण में अब सौ रुपये अधिक देना होगा गाइड शुल्क
कार्बेट नेशनल पार्क में जिप्सी सफारी के बाद अब नेचर गाइड का शुल्क भी बढ़ा दिया गया है। नए आदेश के बाद अब पर्यटकों को जिप्सी व कैंटर सफारी के लिए सौ रुपये अतिरिक्त देने होंगे। कार्बेट पार्क में ढिकाला, बिजरानी, गिरिजा, दुर्गादेवी, ढेला, झिरना, पाखरो व सोनानदी पर्यटन जोन हैं।
पर्यटक यहां जिप्सी व कैंटर से डे सफारी करते हैं। प्रत्येक जिप्सी व कैंटर में पर्यटकों के साथ विभाग में पंजीकृत नेचर गाइड को ले जाना अनिवार्य है। गाइड ही सफारी के दौरान कार्बेट पार्क से संबंधित जानकारियां पर्यटकों को देता है। साथ ही पार्क के नियमों का भी अनुपालन करवाता है।
अभी तक जिप्सी का आठ सौ रुपये व कैंटर से सफारी में 1050 रुपये शुल्क पर्यटकों से लिया जाता है। नेचर गाइड काफी समय से शुल्क बढ़ाने की मांग कर रहे थे। अब जिप्सी में नौ सौ रुपये व कैंटर में गाइड शुल्क 1150 रुपये देना होगा। वर्तमान में कार्बेट पार्क में 160 नेचर गाइड पंजीकृत हैं। जिनका नंबर रोटेशन सिस्टम के तहत आता रहता है।
सितंबर में बढ़ा था जिप्सी सफारी शुल्क
कार्बेट पार्क में गाइड शुल्क से पहले पिछले साल सितंबर में डे सफारी व नाइट स्टे का शुल्क भी बढ़ाया गया है। सितंबर से पहले जहां अधिकतम छह लोग 43 सौ रुपये में सफारी कर लेते थे। वर्तमान में अधिकतम छह लोग 6800 रुपये में जाते हैं।
जिप्सी का शुल्क भी अलग-अलग
पर्यटकों को सफारी में जाने के लिए जिप्सी का शुल्क भी पर्यटन जोन के हिसाब से अलग-अलग देना होता है। बिजरानी के लिए जिप्सी शुल्क 25 सौ रुपये, ढेला, गिरिजा, दुर्गादेवी व झिरना के लिए 28 सौ रुपये व ढिकाला के लिए एक नाइट स्टे का छह हजार रुपये शुल्क देना होता है।