प्रदेश के पर्वतीय मार्गों पर अब दौड़ सकेंगी बड़ी बसें, राज्य परिवहन प्राधिकरण ने दी सशर्त हरी झंडी

प्रदेश के पर्वतीय मार्गों पर अब बड़ी बसें भी दौड़ सकेंगी। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने पहाड़ी मार्गों पर वाहनों का व्हीलबेस बढ़ाने को सशर्त हरी झंडी दे दी है। प्राधिकरण ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। राज्य के चार मार्गों पर व्हीलबेस के संबंध में निर्धारित मापदंड पूर्ववत रहेंगे।

राज्य  परिवहन प्राधिकरण के सचिव सनत कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पर्वतीय मार्गों पर वाहनों के व्हीलबेस के पुनर्निर्धारण के संबंध में गुरुवार को विचार-विमर्श किया गया। इसमें व्हीलबेस संबंधी मापदंडों को संशोधित करने का निर्णय लिया गया।

बताया गया कि पर्वतीय मार्गों पर अब रियर ओवरहैंग के व्हीलबेस के 50 प्रतिशत तक होने की स्थिति में 4500 मिमी व्हीलबेस अनुमन्य होगा। इसी तरह रियर ओवरहैंग के व्हीलबेस के 50-55 व 55-60 प्रतिशत होने की स्थिति में क्रमश 4450 मिमी व 4400 मिमी का व्हीलबेस अनुमन्य होगा।

यह भी छूट दी गई है कि अधिकतम लंबाई की गणना में व्हीलबेस में फ्रंट ओवरहैंग और रियर ओवरहैंग के कुल योग में 20 मिमी का विचलन मान्य होगा। चौड़ाई की गणना में भी 15 मिमी तक की छूट दी गई है। यह भी साफ किया गया है कि किसी भी दशा में वाहन की कुल लंबाई 8.75 मीटर से अधिक नहीं होगी।

आदेश के मुताबिक देहरादून-मसूरी, टनकपुर-पिथौरागढ़-धारचूला, ज्योलिकोट-भदाली-खेरना-क्वारव-अल्मोड़ा, हल्द्वानी-नैनीताल वाया वल्दियाखान मार्ग पर व्हीलबेस के संबंध में निर्धारित मापदंड पहले जैसे रहेंगे।

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