![](http://doonujala.com/wp-content/uploads/2024/01/001-poster-release-scaled.jpg)
देवभूमि उत्तराखंड होली के रंग में रंगी नजर आ रही है। पहाड़ से लेकर मैदान तक होलिका पूजन किया जा रहा है। महिलाओं ने सज संवर कर बच्चों के साथ तैयारियां शुरू कर दी है। शहर में जगह-जगह होलिका लगाई गई है।
रूड़की में भी विभिन्न जगहों पर होली पूजन का विशेष प्रबंध किया गया है। शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि भक्त प्रह्लाद की भक्ति से परेशान होकर उनके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कहा था।
वहीं होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसको आग जला नहीं सकती। इसी वरदान के चलते होलिका भक्त प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर लकड़ियों के ढेर पर बैठ गईं। लेकिन भक्त प्रह्लाद को भगवान की कृपा से आंच तक नहीं आई और होलिका जलकर राख हो गईं।
वहीं होलिका पूजन करने आई महिलाओं ने कहा कि होली का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है इसीलिए सभी महिलाएं होली पूजन करती हैं। होली का पर्व एक-दूसरे की गलतियों को भुलाकर आपसी भाईचारे व प्रेम सौहार्द का पर्व है।