पहाड़ की जवानी रोकी नहीं, बन गए 37 हजार वोटर प्रवासी

 पहाड़ की जवानी तथा पानी को रोक पाना संभव नहीं हो सका है। लोकसभा पर्व पर 37,276 प्रवासी घर नहीं लौट सके। हालांकि निर्वाचन विभाग के काल सेंटर से लगभग चार हजार प्रवासी वोटरों को काल की गई थी। ऐसे में मतदान का प्रतिशत बढ़ना चुनौती बना हुआ है।

उत्तराखंड राज्य बनाने की परिकल्पना के पीछे रोजगार तथा विकास का सपना देखा गया। पहाड़ की जवानी तथा पानी को रोकने की रणनीति थी। लेकिन ऐसा अब तक नहीं हो सका है। अधिकतर युवा नौकरी के लिए महानगरों का रुख कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में 37,276 प्रवासी वोटरों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

वह किसी एक प्रत्याशी के पक्ष में वोट करते तो उसकी जीत भी सुनिश्चित करते। जब तक पहाड़ के लोगों का दर्द नहीं समझा जाएगा, तब तक लोग पलायन को मजबूर होंगे। शिक्षा, संचार, नौकरी, सड़क, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं के लिए आज भी पलायन हो रहा है।

2019 लोकसभा चुनाव 2019 में कपकोट विधानसभा में पुरुष 48839, महिला 48002 कुल 96841 मतदाता थे। जिसमें पुरुष 24421 तथा महिला 29684 ने मतदान किया। मतदान प्रतशित 55.88 रहा। जबकि विधानसभा बागेश्वर में पुरुष 57889 महिला 55860 कुल 1,13749 थे। जिसमें पुरुष 28420 तथा महिला 37789 ने वोट किया। 58.21 प्रतिशत मतदान हुआ। तब जिले का मतदान प्रतिशत 57.14 रहा।

2014 लोकसभा चुनाव की स्थिति कपकोट विधानसभा में पुरुष 45042 महिलाएं 44349 कुल मतदाता 89391 थे। जिसमें पुरुष 24755, महिला 25664 ने मतदान किया। तब 56.40 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी तरह बागेश्वर विधनसभा में पुरुष 54128, महिला 52200 थे। जिसमें पुरुष 28986 तथा महिला 33719 ने मतदान किया। 58.97 मतदान का प्रतिशत रहा। जबकि बागेश्वर जिले के दोनों विधानसभाओं में 57.80 मतदान प्रतिशत रहा।

अल्मोड़ा सीट का सामाजिक तानाबाना

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र का सामाजिक तानाबाना गांव बहुल है। यहां जातिगत आधार पर क्षत्रिय वोटर पहले तो ब्राह्मण दूसरे स्थान पर हैं। हालांकि संसदीय क्षेत्र में जाति के आधार पर मतदान का प्रभाव नहीं के बराबर रहता है।पर्वतीय चारों जनपदों के अधिकांश विस क्षेत्रों में पुरुष मतदाताओं से अधिक संख्या महिला मतदाताओं की है। जिसका मुख्य कारण अधिकांश पुरुषों के कार्य के चलते दूसरे राज्यों या मैदानी जिलों में रहना है। ग्रामीण बहुल संसदीय क्षेत्र अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा क्षेत्र ग्रामीण बहुल क्षेत्र है।

2017 के आंकड़ों के अनुसार इस सीट पर 88 प्रतिशत क्षेत्र ग्रामीण व 11 प्रतिशत क्षेत्र शहरी है। संसदीय क्षेत्र में धारचूला-मुनस्यारी तथा डीडीहाट विस क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लोग निवास करते हैं।

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