दीपनगर में सरकारी भूमि बेचने वाले पर निगम सख्त, मुकदमा; ध्वस्त किए गए थे आठ अवैध निर्माण

नदी-नालों के किनारे 100-100 रुपये के स्टांप पेपर पर सरकारी जमीनें बेचने वालों पर आखिरकार नगर निगम सख्त हो गया है। बीते मंगलवार को दीपनगर में ध्वस्त किए गए आठ मकान ऐसे ही जमीन खरीदकर बनाए गए थे। निगम के संज्ञान में आने के बाद संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी इस प्रकार की शिकायतें मिलने पर अब कार्रवाई की जाएगी।दून में सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर कई भूमाफिया लाखों-करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए। उन्होंने भोली-भली जनता को गुमराह कर स्टांप पेपर पर जमीन बेच दी। इसके बाद लाखों रुपये लेकर खुद किनारे हो गए। ज्यादातर मलिन बस्तियों में नदी किनारे की जमीनों पर कब्जा कर स्टांप पेपर पर बेच दिया गया।

दीपनगर में भी तोड़े गए आठ मकान एक ही व्यक्ति की ओर से बेची गई जमीनों पर बनाए गए थे। यहां कुछ लोग झांसे में आकर जमीन खरीद बैठे और फिर मकान खड़े कर दिए। जमीन बेचने वाला लाखों रुपये लेकर कार्रवाई की जद से दूर है और आठ परिवार जीवनभर की जमा-पूंजी लुटाकर भी बेघर हो गए।अब नगर निगम की ओर से ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई की जा रही है, जो सरकारी जमीन बेचकर निकल गए।दीपनगर में सरकारी जमीन बेचने की जानकारी मिलने पर उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल के निर्देश पर नगर निगम ने थाना नेहरू कालोनी में तहरीर दी है।उपनगर आयुक्त ने बताया कि निगम की भूमि बेचने की शिकायत कहीं से भी मिलती है तो संबंधित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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