Dehradun में भीषण गर्मी से चिड़ियाघर में वन्यजीव भी बेहाल…सांप से लेकर गुलदार तक परेशान

भीषण गर्मी से देहरादून में इंसान से लेकर जानवर तक हलकान हैं। आसमान से आग बरस रही है और गर्म हवा के झोंके बेहाल कर रहे हैं। इंसान तो राहत पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जानवरों को भीषण गर्मी की मार झेलनी पड़ रही है।अलबत्ता, दून चिड़ियाघर में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने के लिए प्रबंधन ने विशेष इंतजाम किए हैं। यहां वन्यजीवों पर पानी की बौछारें की जा रही हैं। साथ ही जगह-जगह जलकुंड बनाकर पानी भरा गया है। शाकाहारी जीवों के लिए भी खीरा, तरबूज और खरबूज का प्रबंध किया गया है।

इस वर्ष दून में भी तापमान रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। इससे न केवल इंसान, बल्कि वन्यजीव भी प्रभावित हैं। ऐसे में देहरादून चिड़ियाघर में वन्यजीवों को राहत देने के लिए प्रबंधन ने फौरी कदम उठाए हैं। 25 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले देहरादून चिड़ियाघर में दो सींघ वाले हिरण, सांभर, बारहसिंघा, गुलदार, बाघ, नीलगाय, ईमु, शुतुरमुर्ग, तुर्की, मगरमच्छ, घड़ियाल और कछुए जैसी विभिन्न पशु प्रजातियां हैं।

वहीं, तोता, मोर, उल्लू और मकाउ सहित कई प्रजातियों के पक्षी भी हैं। इसके अलावा सर्प बाड़ा और फिश एक्वेरियम भी बनाया गया है। गर्मी के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील पक्षियों को माना जाता है। इसलिए गर्मी से राहत देने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन की ओर से पक्षियों के लिए बेहतर वेंटिलेशन शेड बनाए हैं। साथ ही रोजाना पूरे पक्षीशाला में पानी का छिड़काव कर ठंडा किया जा रहा है।

प्रभारी वन क्षेत्राधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि सुबह के समय हिरण समेत अन्य जीवों पर पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। साथ ही बाड़ों में भी पानी का छिड़काव हो रहा है। सभी जीवों के लिए जगह-जगह जलकुंड बनाए गए हैं और उनमें नियमित रूप से पानी से भरा जा रहा है।

वन्यजीवों को खूब भा रहा तरबूत

चिड़ियाघर में इन दिनों शाकाहारी जीवों के लिए मौसमी फल मंगाए जा रहे हैं। पक्षियों के साथ ही हिरण, सांभर आदि जीव तरबूज खूब पसंद कर रहे हैं। वन्यजीवों को खीरा, तरबूज और खरबूज पर्याप्त मात्रा में दिए जा रहे हैं।

जलकुंड में आराम फरमा रहे बाघ

देहरादून चिड़ियाघर में कुछ माह पूर्व ही दो बाघ लाए गए। इन दिनों गर्मी के चलते उनके बाड़ों में जलकुंड पानी से सराबोर हैं। दोपहर के समय बाघ गर्मी से राहत पाने के लिए जलकुंड में लेटे रहते हैं। हालांकि, गुलदार पानी पीकर शेड के नीचे लेटे रहते हैं।

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