‘लव जिहाद’ रोकने के लिए कथित तौर पर राष्ट्रीय बजरंग दल का शस्त्र ट्रेनिंग कैंप का वीडियो हाल ही में सामने आया था। असम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें करीब 350 युवाओं के साथ हथियारों की ट्रेनिंग जोरों पर चल रही है। इसका उद्देश्य कथित तौर पर लव जिहाद को रोकना था।
कई कट्टरपंथी हिंदुत्व संगठनों का दावा है कि मुस्लिम समुदाय के युवा हिंदू महिलाओं को प्रेम जाल में फंसा रहे हैं और उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। कट्टरपंथी हिंदुत्व ने उसे ‘लव जिहाद’ कहते हैं। असम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जीपी सिंह ने ट्वीट में कहा कि कानून की उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और मामले की जांच करने और कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
असम का ताजा वीडियो के वायरल होने के बाद ही हंगामा शुरू हो गया। एक लोकतांत्रिक देश में यह सवाल उठने लगा कि क्या युवा समुदाय को इस तरह से हथियारों का प्रशिक्षण दिया जा सकता है? हथियार शिविरों के आयोजकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विपक्ष लगातार दबाव बढ़ा रहा है। आखिरकार असम पुलिस के डीजीपी जीपी सिंह ने दरांग के पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच करने का आदेश दिया।