प्रदेश में एक बार फिर से मूल निवास और भू-कानून की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतरे हैं. गैरसैंण में आज उत्तराखंड में मूल निवास और भू-कानून व गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर महारैली का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी मौजूद थे.
गैरसैंण मे हुई रैली के बाद मूल निवास आंदोलन को व्यापक बनाने की तैयारी की जा रही है. समन्वय समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने बताया कि प्रदेश में मूल निवास की सीमा 1950 और मजबूत भू-कानून लागू करने को लेकर चल रहे आंदोलन को प्रदेशभर में ले जाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ठोस कार्यक्रम बनाकर पूरे प्रदेश में जन जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।
ये हैं प्रमुख मांगें
मूल निवास की कट ऑफ डेट 1950 लागू की जाए।
प्रदेश में ठोस भू-कानून लागू हो।
गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी घोषित किया जाए।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
शहरी क्षेत्रों में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।
गैर कृषक द्वारा कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।
पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।
राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए। प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।