इसी साल से एमबीबीएस छात्रों को मिलेगा हिंदी में पढ़ने का विकल्प, नए हेल्थ कोर्स भी होंगे शुरू

उत्तराखंड में इस साल से एमबीबीएस दाखिले लेने वाले छात्रों को हिंदी में पढ़ने का विकल्प भी दिया जाएगा। इसके लिए एचएनबी मेडिकल विश्वविद्यालय ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचंद्र ने अपने आखिरी दीक्षांत समारोह के दौरान मीडिया से बातचीत में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां गिनाते हुए भविष्य की योजनाएं बताईं। कभी हरिद्वार रोड पर दो कक्षों में चलने वाला एचएनबी मेडिकल विवि आज सेलाकुई के ईस्ट होपटाउन में 92 बीघा जमीन पर संचालित हो रहा है।राज्य में पहली बार इसी सत्र से हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई का विकल्प छात्रों को दिया जाएगा। इसके लिए एचएनबी मेडिकल विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र के संरक्षण में एक समिति का गठन किया गया है, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने सरकार को सौंप दी है। प्रो. हेमचंद्र ने बताया कि छात्रों को आम बोलचाल की भाषा हिंदी के साथ हिंदी में पढ़ाई का विकल्प दिया जाएगा। जैसे यकृत को लीवर ही लिखा गया है।

इस कोर्स को हिंदी में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को भी अलग से प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हिंदी व अंग्रेजी माध्यम के छात्र साथ बैठकर ही क्लास करेंगे। विवि कुलपति ने बताया, विवि हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी देने जा रहा है। महामारी की पढ़ाई के लिए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल दिल्ली संग मिलकर मास्टर इन एप्लाइड एपिडिमियोलॉजी का कोर्स शुरू किया जा चुका है।

बताया कि दून विवि संग करार कर विवि में मास्टर इन पब्लिक हेल्थ का कोर्स भी शुरू किया जा रहा है। नेत्र विज्ञान (ऑप्थाल्मोलॉजी) की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए देहरादून के दो नेत्र चिकित्सा संस्थानों संग मिलकर फैलोशिप कार्यक्रम शुरू किया गया है। नर्सिंग छात्रों के लिए छह माह की विशेष ट्रेनिंग की जा रही है। क्लीनिकल एप्लाई साइकोलॉजी और एमफिल का कोर्स भी भी शुरू होने जा रहा है। बताया, नर्सिंग छात्रों के लिए अभी तक नौ ट्रेनिंग प्रोग्राम हो चुके हैं।

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