देश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा AIIMS Rishikesh से शुरू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया शुभारंभ

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से देश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा मंगलवार से शुरू हो गई। केंद्र सरकार की संजीवनी योजना के तहत शुरू की गई इस सेवा का लाभ निश्शुल्क मिलेगा। इसके तहत प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से अति गंभीर रूप से बीमार या हादसे घायल व्यक्ति को हेली एंबुलेंस की मदद से एम्स ऋषिकेश में पहुंचाया जा सकेगा। इसे आयुष्मान भारत योजना में भी जोड़ा जाएगा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वर्चुअली माध्यम से इसका शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि हेली एंबुलेंस सेवा स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह श्रमिक वर्ग सहित अन्य जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित होगी। मंगलवार को एम्स ऋषिकेश में आयोजित समारोह में इस सेवा का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे उत्तराखंड के लिए गर्व बताते हुए कहा कि अब दूर-दराज के क्षेत्रों से गंभीर मरीजों को गोल्डन आवर (प्रारंभिक महत्वपूर्ण घंटा) में एम्स पहुंचाया जा सकेगा।

हेली एंबुलेंस करेगी संजीवनी का काम

इससे मरीज को त्वरित और बेहतर उपचार मिल सकेगा। यह हेली एंबुलेंस संजीवनी का काम करेगी। उन्होंने कहा कि बताया कि 13 जिलों के आपदा प्रबंधन कार्यालयों को एम्स कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है, जिससे आपदा व बड़ी दुर्घटना में भी गंभीर घायलों को हेली एंबुलेंस का लाभ पहुंचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हेली एंबुलेंस का टोल-फ्री नंबर शीघ्र जारी किया जाएगा।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से देश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा मंगलवार से शुरू हो गई। केंद्र सरकार की संजीवनी योजना के तहत शुरू की गई इस सेवा का लाभ निश्शुल्क मिलेगा। इसके तहत प्रदेश के किसी भी क्षेत्र से अति गंभीर रूप से बीमार या हादसे घायल व्यक्ति को हेली एंबुलेंस की मदद से एम्स ऋषिकेश में पहुंचाया जा सकेगा। इसे आयुष्मान भारत योजना में भी जोड़ा जाएगा।

केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि उत्तराखंड में हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ होना क्रांतिकारी कदम है। उत्तराखंड जैसे छोटे व नए राज्य ने बड़े संकल्प को पूरा कर अपनी क्षमता को प्रदर्शित किया है। आपदा संकट के समय उत्तराखंड वासी मजबूती से डटकर चुनौतियों का सामना करते हैं, यह देवभूमि होने के साथ वीरभूमि भी है। उत्तराखंड की विकास यात्रा में शामिल होकर उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है।

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. डा. मीनू सिंह ने कहा कि संस्थान आमजन को त्वरित व बेहतर उपचार मुहैया कराने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इसमें आधुनिक तकनीकों का उन्नत समावेश जारी है।इस मौके पर हरिद्वार से लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, निवर्तमान महापौर अनीता ममगाईं, एम्स के एमएस एसके मित्तल, भाजपा जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा आदि मौजूद रहे। पौड़ी लोकसभा सांसद अनिल बलूनी और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत वर्चुअली माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री नायडू ने हेलीपैड में पहुंचकर हेली एंबुलेंस का निरीक्षण भी किया।

हेली एंबुलेंस ऐसे बनेगी संजीवनी

  • सरकारी चिकित्सालय से रेफर मरीज को स्थानीय प्रशासन के सहयोग से हेली एंबुलेंस का लाभ लिया जा सकेगा।
  • हेली एंबुलेंस में वेंटीलेटर सहित सभी आवश्यक जीवनरक्षक उपकरण उपलब्ध रहेंगे। इसमें चिकित्सक सहित आवश्यक मेडिकल स्टाफ तैनात रहेगा।
  • जिस मरीज की स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर होगी उसे हेली एंबुलेंस में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • एंबुलेंस में एक बार में एक मरीज को ही ले जाया जा सकेगा।
  • बड़ी आपदा या सड़क दुर्घटना होने पर वास्तविक जरूरतमंद को जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की सिफारिश पर हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ मिल सकेगा।
  • संजीवनी योजना का संचालन केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से कर रहे हैं। दोनों सरकारें इसमें 50-50 प्रतिशत खर्च वहन करेंगे।
  • योजना के अंतर्गत हेली एंबुलेंस में प्रत्येक महीने कम से कम 30 जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना आवश्यक होगा।

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