मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद अब प्रदेशभर में खरीदी गई जमीनों का डाटा एकत्र किया जा रहा है, जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए है. ऐसे ही कुछ मामले हरिद्वार जिले से भी सामने आया है. हरिद्वार में भी भू-कानून को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी गई. हरिद्वार में एक तो बड़ा हैरान करने वाला मामला सामने आया है.
दरअसल, हरिद्वार में सरकार ने जो जमीन उद्योगपतियों को फैक्ट्री लगाने के लिए दी थी, उन जमीनों पर उद्योगपतियों ने कॉलोनी काट दी. हरिद्वार जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि साल 2007 में देवपुरा इलाके में हरियाणा के कारोबारी ने फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन ली थी, लेकिन आज वहां फैक्ट्री के बजाय मकान खड़े है.
वहीं इसी तरह का एक मामला हरिद्वार के ही समसपुर से सामने आया है. यहां भी उद्योग लगाने के लिए साल 2022 में जमीन ली गई थी, लेकिन इस जमीन पर भी कोई फैक्ट्री तो नहीं लगी. यहां भी कारोबारी ने कॉलोनी काट दी. ऐसे ही कई और मामले भी सामने आए है. यानी की जिस उद्देश्य से लिए जमीन ली गई थी, उसका इस्तेमाल किसी और कार्य के लिए किया गया. शुरुआती जांच में करीब 20 से 25 ऐसे मामले सामने आए है.
अब इस तरह के मामलों में हरिद्वार जिला प्रशासन मुकदमे दर्ज करवाकर, आगे की कार्रवाई के लिए शासन को लिख रहा है. वहीं इन मामलों को लेकर हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह का कहना है कि जमीन खरीदने के नियम जो राज्य में बनाए गए हैं, अगर उसका उल्लंघन हो रहा है, उस पर कार्रवाई जरूर की जाएगी. शुरुआती जांच में भू-कानून के 20 से 25 मामले सामने आए है. फिलहाल जांच जारी है.