संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने डीजल विक्रमों को आखिरकार बाहर करने का निर्णय ले लिया है. विक्रम चालकों को मार्च 2025 तक समय दिया गया है. शहर में विक्रमों के स्थान पर 13 सीटर सीएनजी और बीएस-6 पेट्रोल चौपहिया वाहन चलाने का निर्णय हुआ है. इस निर्णय के बाद विक्रम चालकों के सामने दिक्कतें आने वाली है.
जानकारी के मुताबिक, देहरादून शहर में वर्तमान में विक्रम जिस मार्ग पर चल रहे हैं, उनके संचालकों द्वारा चौपहिया वाहन खरीदे जाने पर उसी मार्ग का स्टेज कैरिज का परमिट दिया जाएगा. जबकि वर्तमान में विक्रम कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट में चल रहे हैं. शहर के 10 नए मार्गों पर चौपहिया यात्री वाहनों को परमिट देने के साथ ही मार्गों का विस्तार करने का निर्णय हुआ है.
गौर है कि दून शहर में यात्री वाहनों से निकलने वाले काले धुएं के कारण प्रदूषित हो रही दून की आबोहवा को बचाने के लिए और शहर में परिवहन सेवा में सुधार समेत विस्तार को लेकर 16 अक्टूबर को गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में हुई आरटीए बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024 के तहत पुरानी डीजल बसों और विक्रमों को चरणबद्ध तरीके से शहर से बाहर किया जाएगा.