उत्तराखंड में पर्यावरण की चिंता करने वाले आज फिर एक बार सड़क पर उतरे. पर्यावरण प्रेमियों ने विकास के नाम पर काटे जा रहे पेड़ों पर चिंता जताई. साथ ही कैग (CAG) की रिपोर्ट पर भी नाराजगी जाहिर कर इससे वनीकरण को जबरदस्त नुकसान होने की बात कही. खास बात ये है कि लोगों ने खुद से सभी को पर्यावरण के पक्ष में आवाज उठाने के लिए जागरूक करने की बात भी कही और सरकार को भी चेताया.
उत्तराखंड में विकास के नाम पर कई हेक्टेयर वनों को काटा जा चुका है. उधर, वन विभाग पर वनीकरण में भी जबरदस्त लापरवाही करने के आरोप लगते रहे हैं. इस बीच तमाम पर्यावरण प्रेमी सड़कों पर उतरकर सरकार को इस मामले में चेतन का प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में देहरादून में तमाम पर्यावरण प्रेमी आज एकजुट होकर सड़क पर उतरे और पेड़ों के लगातार हो रहे कटान पर चिंता जाहिर की.
पर्यावरण प्रेमियों ने एक 10 सूत्रीय मांग पत्र भी रखा. जिसमें दून घाटी में पेड़ों को काटे जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की गई. इसके अलावा पेड़ों को काटने का निर्णय लेने के लिए पर्यावरण पर काम करने वाले लोगों को भी कमेटी में शामिल करने की बात कही गई.
खास बात ये थी कि पर्यावरण का संदेश देने के लिए सड़क पर आए इन लोगों में बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक की मौजूदगी थी. इतना ही नहीं करीब 10 से ज्यादा विभिन्न संगठनों के लोग भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि उत्तराखंड बनने के बाद कई हेक्टेयर जंगल काटे जा चुके हैं और उनकी गणना की जाए तो हर दिन करीब तीन बीघा से ज्यादा जंगलों को काटने का काम राज्य में किया गया है.