संविदा खेल प्रशिक्षकों का मानदेय 10 से 25 हजार रुपये तक बढ़ा, जानें किन श्रेणियों में मिलेगा लाभ

खेल विभाग में संविदा पर कार्यरत खेल प्रशिक्षकों का मानदेय 10 से 25 हजार रुपये तक बढ़ा दिया गया है। मानदेय में 78 से लेकर 140 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

आदेश में कहा गया कि मानदेय की संशोधित दरें एक अक्तूबर 2023 से लागू होगी। खेल विभाग में संविदा पर कार्यरत खेल प्रशिक्षक वर्ष 2014 से मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे थे। अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिभाग और सीनियर नार्थ जोन में प्रतिभाग कर चुके खिलाड़ी रहे संविदा प्रशिक्षक मात्र पांच हजार रुपये महीना मानदेय पा रहे थे।

15 जून 2023 को खेल मंत्री रेखा आर्य की अध्यक्षता में निदेशालय में हुई विभाग की समीक्षा बैठक में मामला सामने आने के बाद मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद अब शासन ने आदेश जारी किया है।
संविदा खेल प्रशिक्षक होंगे लाभान्वित 

शासनादेश के मुताबिक, अर्जुन, द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले, ओलंपिक, विश्व कप प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुके खिलाड़ी, सैफ खेलों में पदक विजेता एवं एनआईएस से नियमित कोर्स का प्रशिक्षण डिप्लोमाधारी का मानदेय 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 45 हजार रुपये किया गया है।

एशियाई, कॉमन वेल्थ एफ्रो एशियन, सैफ गेम्स पदक विजेता आदि का मानदेय 17 हजार रुपये से बढ़ाकर 35 हजार रुपये, एशियाई कॉमन वेल्थ में एफ्रो एशियन, सैफ गेम्स प्रतियोगिता में प्रतिभाग करे वाले खिलाड़ी रहे प्रशिक्षकों का मानदेय 14 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये, सीनियर नेशनल में पदक विजेता रहे खिलाड़ी प्रशिक्षकों का मानदेय 10 से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किया गया है।

सीनियर वर्ग में नेशनल में प्रतिभाग और अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयी प्रतियोगिता में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी प्रशिक्षकों का मानदेय सात से बढ़ाकर 15 हजार रुपये किया गया है, जबकि अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिभाग, सीनियर नार्थ जोन में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी रहे कोच का मानदेय पांच हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये किया गया है।

आदेश में यह भी कहा गया कि जिलों में बजट की उपलब्धता को देखते हुए जरूरत की अनुसार खेल प्रशिक्षक रखे जाएं। उन्हें पूर्ण मानदेय के लिए सात से आठ घंटे की अवधि तय की जाए। खेल निदेशक जितेंद्र सोनकर के मुताबिक इस आदेश से 210 संविदा खेल प्रशिक्षक लाभान्वित होंगे।

विभाग में संविदा पर कार्यरत खेल प्रशिक्षक पीआरडी जवानों से भी कम मानदेय पा रहे थे। मानदेय में वृद्धि से उनका मनोबल बढ़ेगा, इससे खासकर पर्वतीय जिलों में इनकी कमी की समस्या भी दूर होगी।

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