नाबालिग छात्राओं से हैवानियत की हदें पार, संस्थान में दिव्यांग लड़कियों का यौन शोषण

उत्तराखंड के इस शहर में हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं गईं। संस्थान में नाबालिग छात्राओं से जुड़ा मामला जानकर पुलिस के भी होश उड़ गए। दिव्यांग नाबालिग छात्राओं का जमकर यौन शोषण किया जाता था। चिंता की बात कि छात्राओं की ओर से शोषण का विरोध करने पर उनकी जमकर पिटाई भी होती थी।

पुलिस ने केस दर्ज कर संचालक को गिरफ्तार कर लिया है। यह पूरी शर्मनाक मामला उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में सामने आया है। काठगोदाम थाना पुलिस ने दिव्यांग नाबालिग छात्राओं के यौन शोषण के आरोप में मूक बधिर एवं दृष्टिबाधित बच्चों की आवासीय संस्था के संचालक को गिरफ्तार किया है।

शनिवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं 13 वर्षीय पीड़िता का मेडिकल कराकर कोर्ट में धारा 164 के बयान भी दर्ज कराए हैं। पुलिस के अनुसार, करीब डेढ़ माह पूर्व में एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा को एक शिकायती पत्र मिला था।

इसमें गौलापार स्थित इस आवासीय संस्था की 13 वर्षीया  दिव्यांग छात्रा ने संस्था संचालक श्याम धानक (62) निवासी दमुवाढूंगा बंदोबस्ती पर जुलाई से यौन शोषण करने का आरोप लगाया था।

पत्र में पीड़िता ने अन्य पीड़ित छात्राओं के नाम भी खोले थे। जांच में पुलिस ने संबंधित छात्राओं से पूछताछ की तो पीड़िता ने आरोपी श्याम धानक द्वारा यौन शोषण करने की बात पुलिस को बताई।

यौन शोषण के आरोप में दिव्यांग आवासीय संस्था के संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस मामले के अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है।
प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी, नैनीताल 

यौन शोषण का विरोध करने पर होती थी मासूमों से मारपीट
दिव्यांग छात्राओं से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। छात्राओं ने संचालक पर यौन शोषण का विरोध करने पर मारपीट करने के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि 62 वर्षीय आरोपी श्याम सिंह धानक यौन शोषण का विरोध करने पर मारपीट कर धमकियां भी देता था।

जिससे बच्चे डरे रहते थे। आरोपी शिकायातकर्ता नाबालिक छात्रा का जुलाई माह से यौन शोषण कर रहा था। विरोध करने पर मारपीट करता था। छात्रा ने किसी तरह इसी माह के शुरूआत में शिकायती पत्र जिले के नए एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा तक पहुंचाई। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच बैठा दी।

इस संस्था में 113 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। सभी 18 साल से कम उम्र के हैं।  डेढ़ महीने से चल रही थी जांच: जानकारी के अनुसार इस मामले में पुलिस को करीब डेढ़ महीने पहले शिकायत मिली थी। पुलिस टीम मामले की जांच में जुट गई थी। पुलिस ने बीती 11 अक्तूबर को मामले में मुकदमा दर्ज किया।

इसके बाद आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाए और शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पर संस्था के अन्य छात्राओं के साथ भी अश्लील हरकतें करने की कहानियां सामने आने लगी हैं। हालांकि पुलिस अब एक-एक कर सभी के बयान दर्ज करने में जुटी हुई है।

छह माह से शोषण का आरोप
पुलिस को मिले शिकायती पत्र में पीड़ित छात्रा ने कहा है कि मूक बधिर संस्था के संचालक उसका जुलाई माह से यौन शोषण कर रहा है। शिकायती पत्र में पीड़िता ने अपने संस्था में कई अन्य और छात्राओं के साथ भी इस तरह की घटना होने का जिक्र किया है। जो पुलिस के जांच में सही पाई गई, इसी कारण पूरे सबूतों के साथ आरोपी की गिरफ्तारी हो पाई है। क्योंकि आरोपी के सिर पर भी कई बड़े-बड़े लोगों का आर्शिवाद बना हुआ है।

इन धाराओं में केस दर्ज  
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (3) (2) डी एंड एल, 504, 354 और पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने शिकायतकर्ता पीड़ित छात्रा का मेडिकल भी कराने के साथ ही कोर्ट में धारा 164 के बयान भी दर्ज कराए हैं।

समिति अध्यक्ष की देखरेख में होगी पढ़ाई
पुलिस के अनुसार संस्था संचालन में संचालक अहम भूमिका निभाता था। संस्था के संचालन को एक समिति बनी हुई है। संस्था से जुड़े अन्य लोगों पर किसी तरह के आरोप नहीं हैं। संचालक की गिरफ्तार के बाद अब संचालन समिति के अध्यक्ष पर रहेगी। बच्चों की पढ़ाई से लेकर खानपान और सुरक्षा की जम्मिेदारी अब संस्था सदस्य देखेंगे।

आरोपी संचालक की गिरफ्तारी के बाद संस्था के संचालन के लिए वहां अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी हैं। पुलिस भी बच्चों का हालचाल जानेगी।

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