सस्ता गल्ला विक्रेताओं की हड़ताल ने राशन कार्डधारकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। माह के शुरुआती बारह दिन बीतने के बावजूद सरकारी राशन वितरण को लेकर कोई पहल शुरू नहीं हो सकी है। अब तक चालान प्रकिया भी अधर में लटकी हुई है। स्थिति यह है कि दो हजार मीट्रिक टन से अधिक गेहूं-चावल सरकारी गोदामों में डंप पड़ा है।
समय रहते इस राशन का वितरण नहीं होने से अंत्योदय जैसे गरीब वर्ग के लोग जो सरकारी राशन पर आश्रित हैं, उन्हें खासी दिक्कत होने लगी है। जनपद में 779 से अधिक सस्ता गल्ला विक्रेता की दुकानें हैं। इन दुकानों से प्रतिमाह एक लाख 14 हजार 783 कार्डधारकों को प्रति यूनिट के हिसाब से सरकारी राशन का वितरण किया जाता है।
कुछ कार्डधारकों को नि:शुल्क तो कुछ को सस्ती दरों में सरकारी राशन बांटा जाता है। इससे पहले माह की पहली तारीख से राशन वितरण का कार्य शुरू हो जाता था। विक्रेता पूर्व में ही 23 से 30 तारीख के बीच में चालान लगाने और सरकारी गोदामों से राशन ढुलान कर अपने दुकानों में एकत्र करते थे, लेकिन इस माह सस्ता गल्ला दुकानों में सरकारी राशन वितरण का कार्य ठप है।
27 गोदामों में डंप है राशन: जनपद में खाद्य पूर्ति विभाग के 27 गोदाम हैं। इन गोदामों से ही होकर सरकारी राशन लोगों के घरों तक पहुंचता है, पर इस माह वितरण कार्य प्रभावित होने से राशन गोदामों में डंप है।
विमला देवी
इससे पहले माह की शुरुआत में ही राशन मिल जाता था, इस बार राशन नहीं मिला है। मजबूरन महंगे दाम में राशन खरीदना पड़ रहा है।