उत्तराखंड के जंगलों में जहां सबसे ज्यादा अतिक्रमण हुआ है, वहीं कार्रवाई की रफ्तार सबसे सुस्त है। प्रदेश की वन भूमि के कुल अतिक्रमण का 90 फीसदी अतिक्रमण यूएसनगर,नैनीताल और चमोली जिले में ही हुआ है। जबकि इन्हीं जिलों में अतिक्रमण के खिलाफ सबसे कम कार्रवाई की गई।
वन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो नैनीताल के तराई पश्चिमी डिवीजन में 2,629 हेक्टेयर वन भूमि पर अभी अतिक्रमण है। लेकिन इसमें से केवल 514 हेक्टेयर ही वन विभाग हटा पाया है। वहीं, यूएसनगर व नैनीताल के तराई पूर्वी वन प्रभाग में 5,983 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण है।
जिसमें से अब तक केवल 210 हेक्टेयर ही खाली हो पाया है। इसी तरह चमोली के बद्रीनाथ वन प्रभाग में 1184 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध कब्जा है। जिसमें से 182 हेक्टेयर से ही वन विभाग हटा पाया है। यानी प्रदेश में कुल करीब 12 हजार हेक्टेयर में से करीब साढ़े नौ हजार हेक्टेयर वन भूमि पर केवल इन तीन जिलों में ही अवैध कब्जे हैं।