राजाजी टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का प्रस्ताव तैयार, मंत्रिमंडल की आगामी बैठक मिल सकती है मंजूरी

वन विभाग ने कार्बेट टाइगर फाउंडेशन की तर्ज पर राजाजी टाइगर कंजरवेशन फाउंडेशन के गठन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। माना जा रहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए लाया जा सकता है।वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में फाउंडेशन के गठन का फैसला लिया गया था। प्रस्तावों को न्याय और कार्मिक विभाग से हरी झंडी मिल गई है। राजाजी टाइगर कंजरवेशन के गठन का मुख्य उद्देश्य रिजर्व क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में पारिस्थितिकीय, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को गति देने और उन्हें सुगम बनाने का है।

फाउंडेशन के तहत क्षेत्र के आसपास रह रहे लोगों को आजीविका की ऐसी वैकल्पिक योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जो वनों पर निर्भर हैं। अलग-अलग योजनाओं के जरिये उनकी वनों से निर्भरता को कम करने के प्रयास होंगे। उनकी आर्थिकी में सुधार के लिए ईको टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। ऐसे उपाय होंगे, ताकि मानव-वन्यजीव संघर्ष का समाधान हो।

इसके अलावा वन्यजीवों के शिकार और अन्य आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगे। पर्यावरण शिक्षा में सहयोग के लिए नियमित बजट का प्रावधान भी किया जाएगा। टाइगर रिजर्व में तैनात कर्मचारियों के कल्याण उनके वन्य आवास सुरक्षा, वन्यजीव सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएंगे।

फाउंडेशन के तहत बनेगा ट्रस्ट

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, फाउंडेशन के तहत एक ट्रस्ट बनाने का भी प्रस्ताव है। इसका बाकायदा नियमानुसार पंजीकरण कराया जाएगा। इसकी एक शासी निकाय होगी। राज्य सरकार फाउंडेशन की कार्यप्रणाली की सुरक्षा कर सकेगी।

पर्यटन से प्राप्त आय राजकोष में जमा होगी

सूत्रों के मुताबिक, फाउंडेशन के गठन के बाद रिजर्व एरिया में पर्यटन गतिविधियों से जो आय प्राप्त होगी, उसे राज्य सरकार के राजकोष जमा कराना होगा। बाद सरकार फाउंडेशन को अनुदान के रूप में लौटाएगी।

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