उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार पर जोरदार हमला किया है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब कांग्रेस ने उत्तराखंड में भाजपा पर हमला बोला है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस मुद्दे को लेकर उत्तराखंड सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड के खनन कारोबार में स्थानीय लोगों की भूमिका पूरी तरह समाप्त किए जाने सरकार पर आरोप लगाया। चेतावनी दी कि यदि हमारे उत्पादों को बेचने के लिए भी बाहर से लोग आएंगे, तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की नदियों से निकलने वाले मिट्टी बालू को निकालने और बेचने को भाजपा के लोग कंपनी भी बाहर से ले आएं हैं। अभी तक ऐसा काम करने वाले लोगों के साथ निचले स्तर पर काम करने वाले लोग कम से कम स्थानीय होते थे।
अब वन निगम के ऐसे निकासी केंद्रों पर काम करने वाले उत्तराखंड के लोगों को निकाल बाहर किया जा रहा है। बाहर करने को उन पर मारपीट करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। पुलिस में केस दर्ज कराए जा रहे हैं। अब उत्तराखंड के बच्चों को अपराधी समझा जा रहा है।
कहा कि उत्तराखंड का गठन यहां के गरीबों, बेरोजगारों, कमजोरों के अधिकार की रक्षा को बना था। उसके लिए लड़ाई लड़ी गई थी। कहा कि जब यहां बड़े बड़े उद्योग लगे, तब हम ऐसे पहले राज्य बने, जिसने उद्योगों में स्थानीय लोगों को 70 प्रतिशत रोजगार देने का कानून बनाया।